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जब आएगी प्रलय और दुनिया का हो जाएगा खात्मा, तब भी जिंदा रहेगा सिर्फ ये पेड़, वजह हैरान कर देने वाली है

Published: Dec 02, 2017 12:20:37 pm

Submitted by:

राहुल

प्रलय को लेकर कई तरह के कयास पहले भी लगाए जाते रहे हैं, आज भी लगाए जा रहे हैं और संभवतः आने वाले समय में भी लगाए जाते रहेंगे

Tree who Remain Alive Even After Destruction
दुनिया में प्रलय को लेकर कई तरह के कयास पहले भी लगाए जाते रहे हैं, आज भी लगाए जा रहे हैं और संभवतः आने वाले समय में भी लगाए जाते रहेंगे। इन कयासों में दावे किये जाते हैं कि जब प्रलय आएगी तो पूरी दुनिया समाप्त हो जायेगी। उस वक्त धरती पर न तो जन रहेगा और न ही जीवन! लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि ऐसा होने के बावजूद भी एक पेड़ धरती पर हमेशा जिंदा रहेगा।
जी हां! हम आपको आज इस पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका जिक्र पौराणिक कथाओं में भी किया गया और जो आज तक जीवित है। आखिर कहाँ है यह पेड़?

Tree who Remain Alive Even After Destruction
यह पेड़ कोलकाता में स्थित आचार्य जगदीशचंद्र बोस बोटैनिकल गार्डन में है। कहा जाता है कि यह पेड़ करीब 250 साल पुराना है जोकि 14,500 वर्गमीटर में फैला है। इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि पिछले ढाई सौ सालों से इसका आकार इस दायरे में बढ़ता जा रहा है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पेड़ को वटवृक्ष कहा गया है जिसे ईश्वर का प्रतीक माना गया है। कहा तो यहाँ तक जाता है कि जब सारी दुनिया पानी में डूब जाती है तब भी यह वटवृक्ष बचा रह सकता है। इस पेड़ की महत्वता इस वजह से भी बढ़ जाती है क्योंकि इसके पत्तों का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने में किया जाता है. इस वटवृक्ष के पत्ते कफ को दूर करते हैं। इससे ब्लड प्यूरीफाई होता है।
Tree who Remain Alive Even After Destruction
वटवृक्ष की जड़ों में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो विभिन्न बीमारियों के इलाज में उपयोगी हैं। इस पेड़ की जड़े भी अपना अलग महत्व रखती हैं जोकि मिट्टी को पकड़कर रखती हैं। यह पेड़ एक दिन में 20 घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन बना सकता है। बताया जाता है कि एक बार भीषण अकाल के दौरान इसके पत्ते जानवरों को खिलाए गए थे जिससे उन्हें अपना जीवन बचाने में काफी मदद मिली थी।
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