जागरुकता के लिए सरकार ने लगभग 7 करोड़ रुपए खर्च किए
आपको बता दें कि सरकार ने इस योजना को लेकर तकरीबन सात करोड़ 12 लाख रुपए विज्ञापन से जुड़े अभियानों में खर्च किए हैं, जिससे कि युवाओं में जागरुकता आ सके और हर नागरिक को यह पता चल सके कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर से मौखिक सहमति लेनी जरूरी है। बता दें कि घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न रोकथाम मंत्री प्रू गोवर्ड ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘संबंध बनाने के दौरान पार्टनर से उसके लिए पूछना जरूरी होगा। साथ ही उस पर पार्टनर की अनुमति भी चाहिए होगी।’ उनहोंने कहा कि विश्वविद्यालयों पर भी लड़कियों के साथ होने वाली यौन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार इस नीति के तहत कदम उठाएगी। गोवर्ड ने आगे कहा कि जब कोई व्यस्क संबंध बनाने के लिए तैयार हो तो यह जिम्मेदारी दोनों पक्षों की होगी कि वे एक-दूसरे से सहमति लें फिर आगे बढ़ें।
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यौन घटनाओं को कम करने के लिए उठाया गया यह कदम
आपको बता दें कि गोवार्ड ने कहा कि सरकार ने महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे यौन घटनाओं को रोकने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है। क्योंकि यौन उत्पीड़न की घटना को असर काफी लंबे समय तक रहता है। उन्होंने कहा कि यदि हम इस तरह की घिनौनी घटनाओं को कम करना चाहते हैं तो समाज के हर वर्ग के लोगों को सामने आना पड़ेगा। गोवर्ड ने कहा कि वर्ष 2017 में यौन उत्पीड़न के करीब 13 हजार मामले सामने आए हैं जबकि बीते हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वर्ष लड़िकियों के साथ यौन हिंसा में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।