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Belarus: चुनाव में लेकरकी की जीत के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारी, रूस ने सैन्य मदद की पेशकश की

locationनई दिल्लीPublished: Aug 17, 2020 03:48:05 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

चुनाव में राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लेकरकी (Alexander Lukashenko) को छठवीं बार जीत मिली।
इस चुनाव को लेकर आम जनता में रोष है। जनता का कहना है कि चुनाव में धांधली हुई है।

belarus protest

बेलरूस में राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लेकरकी के खिलाफ प्रदर्शन।

मिंस्क। बेलारूस में हाल ही में हुए चुनाव में राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लेकरकी (Alexander Lukashenko) को छठवीं बार जीत मिली। इस चुनाव को लेकर आम जनता में रोष है। जनता का कहना है कि चुनाव में धांधली हुई है। इसे लेकर राजधाानी मिंस्क में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और उनके खिलाफ नारे लगाए जा रहे हैं। रविवार को राजधानी में देश के इतिहास में इतना बड़ा प्रदर्शन कभी नहीं हुआ है। विपक्षी दलों की ओर से लगातार हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने शांति बहाल करने के लिए सेना की टुकड़ी भेजने (Military Help From Russia) का प्रस्ताव लेकरकी को दिया है
दो लाख से ज्यादा लोग एकत्र हुए

रूस का कहना है कि अगर लुकाशेंको किसी तरह की मदद लेना चाहेंगे तो हमारी ओर सैन्य सहायता की पेशकश होगी। प्रदर्शन स्थल पर करीब 2 लाख लोग इकट्ठा होकर नारे लगा रहे हैं। बेलारूस में अब तक दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है, वहीं हजारों लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
लुकाशेंको ने पहली बार 1994 में चुनाव जीता

रूस की पश्चिमी सीमा से सटा बेलारूस 25 अगस्त 1991 को सोवियत संघ से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बना था। इसके बाद संविधान तैयार हुआ और जून 1994 को पहला राष्ट्रपति चुनाव हुआ और अलेक्जेंडर लुकाशेंको राष्ट्रपति बने। तब से लेकर अबतक छह बार चुनाव हो चुके हैं। लुकाशेंको को ‘यूरोप का अंतिम तानाशाह’ कहा जाता है।
वर्ष 2015 के चुनाव में भी उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी। चुनाव में लुकाशेंको को 83.5 प्रतिश वोट हासिल हुआ। चुनाव में उनके सामने कोई भी मजबूत उम्मीदवार नहीं था। जबकि लोग उनके नेतृत्व से काफी हताश थे। इसके बावजूद कोई बड़ा चेहरा उनके सामने नहीं उतारा गया। एक मात्र महिला उम्मीदवार स्वेतलाना ने चुनाव को गंभीरता से लिया और पूरे दमखम के साथ लड़ाई लड़ी। हालांकि चुनाव के नतीजे में उनकी बुरी हार हुई।
स्वेतलाना के पति जेल में बंद है

गौरतलब है कि 37 वर्षीय स्वेतलाना ने जेल में बंद पति के स्थान पर यह चुनाव लड़ा। उन्होंने विपक्ष की कई रैलियों की अगुवाई की है। विपक्ष का कहना है कि वोटों में धांधली होने की उम्मीद है। यही वजह है कि वह वोटों की एक वैकल्पिक गिनती रखेगा। वहीं दूसरी ओर लुकाशेंको का कहना है कि वे देश की स्थिति को बिगड़ने नहीं देंगे।

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