आपको बता दें कि जब पहली बार यहां पर लाइट्स का इंस्टॉलेशन किया गया तो स्थानीय लोगों ने जमकर इस बात का विरोध किया और आज यहीं लोग डांस क्लब में विदेशी गानों की धून पर नाचते हुए नज़र आते हैं। भूटान अपनी नेशनल वेल्थ को ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस इंडेक्स के जरिए लोगों की संतुष्टि से मापती है।
भूटान में बदलाव की इस स्थिति को हर स्तर पर देखा जा सकता है चाहें वो पहाड़ हो या फिर जंगल। प्रत्येक स्थान पर आधुनिकता अपना छाप छोड़ते हुए नज़र आ रही है। भूटान में आज की तारीख में कंस्ट्रक्शन साइट से धुआं निकलना एक सामान्य सी बात है और तो और थिम्पू के एंट्री प्वाइंट पर लगे बुद्धा के गोल्ड-ब्रॉन्ज स्टैचू के पास की जगह टेलीकॉम टावर्स ने ले ली है। सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि देश के लोगों में भी बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता है।
यहां सड़कों से लेकर कंट्रीसाइड, लगभग हर जगह महिलाओं को स्थानीय पोशाक के स्थान पर जीन्स पहने ही नज़र आती है। देश में बौद्ध भिक्षू बन चुकें बच्चें चेल्सिया और मैनचेस्टर यूनाइटेड के जर्सी पहनकर खेलते नज़र आते हैं। आपको बता दें कि भूटान की 2.2 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी पूरी तरह से कृषि पर ही निर्भर है। बदलाव का नज़ारा यहां के हर एक क्षेत्र में देखा जा सकता है और यहां के लोग इसे पूरे दिल से स्वीकार भी कर रहे हैं।