बता दें, खगोल शास्त्र में रुचि रखने वालों के लिए ‘ब्लैक होल’ की पहली तस्वीर जारी होना बेहद बड़ी घटना है, क्योंकि अब तब इसके आकार-प्रकार के बारे में सिर्फ परिकल्पना ही की गई है। दुनिया की छह जगहों पर वैज्ञानिकों ने ‘ब्लैक होल’ की असली तस्वीर जारी की। इसके लिए दुनिया के 6 देशों हवाई, एरिजोना, स्पेन, मेक्सिको, चिलि और दक्षिणी ध्रुव में Event Horizon Telescope लगाया गया। इसे विशेष तौर पर ‘ब्लैक होल’ की तस्वीर लेने के लिए ही बनाया गया था।
इसलिए कहते हैं ‘ब्लैक होल’ उल्लेखनीय है कि सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार, ‘ब्लैक होल’ ऐसी खगोलीय वस्तु होती है जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश सहित कुछ भी इसके खिंचाव से बच नहीं सकता। इसे ‘ब्लैक होल’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और कुछ भी रिफ्लेक्ट (प्रतिबिंबित) नहीं करता।
इससे पहले यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के खगोलविद और’ब्लैक होल’ के एक विशेषज्ञ पॉल मैक्नमारा ने कहा कि पिछले 50 साल से ज्यादा समय से वैज्ञानिकों ने देखा है कि हमारी आकाशगंगा के केंद्र में कुछ बहुत चमकीला है। उन्होंने बताया कि ‘ब्लैक होल’ में इतना मजबूत गुरुत्वाकर्षण है कि तारे 20 साल में इसकी परिक्रमा करते हैं। हमारी सौर प्रणाली में आकाशगंगा की परिक्रमा में 23 करोड़ साल लगते हैं।