scriptLAC पर तनाव: भारत के ‘राष्ट्रवाद’ से घबराया चीन, कहा- पड़ोस में एक दुश्मन की बजाए दोस्त ज्यादा जरूरी | 'Boycott China' in the circle of 'nationalism', will be a big loss | Patrika News

LAC पर तनाव: भारत के ‘राष्ट्रवाद’ से घबराया चीन, कहा- पड़ोस में एक दुश्मन की बजाए दोस्त ज्यादा जरूरी

locationनई दिल्लीPublished: Jun 22, 2020 12:32:17 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) का कहना है कि कुछ लोग भारतीयों को चीन (China) के खिलाफ भड़का रहे हैं।
चीन भारत में जारी ‘बायकॉट चाइना’ (Boycott China) अभियान से परेशान, कहा-दो देशों के मतभेद को बातचीत से सुलाझाया जाए

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LAC पर तनाव को लेकर परेशान चीन।

बीजिंग। पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में परसे तनाव को लेकर चीन (China) लगातार भारत को धमकाने की कोशिश कर रहा है। वह इस मामले को बातचीत से सुलझाने पर जोर दे रहा है। गौरतलब है कि घाटी में भारत और चीनी सैनिकों (India-China Rift) की झड़प में पिछले दिनों 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से सीमा पर दोनों तरफ से हजारों सैनिकों ने मोर्चा संभाल लिया है। वहीं भारत के रणनीतिक कदम को लेकर चीन ने भारत को चेताया है कि वह उसके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। चीन ने भारतीयों को ‘राष्ट्रवाद’ के चक्कर में कोई बड़ा कदम न उठाने की अपील की।
चीन ने लगाए कई आरोप

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) का कहना है कि कुछ लोग भारतीयों को चीन के खिलाफ भड़का रहे हैं और राष्ट्रवाद के सहारे उन्हें बरगलाया जा रहा है। दरअसल चीन भारत में जारी ‘बायकॉट चाइना’ अभियान से परेशान और लगातार इस तरह के बयान दे रहा है। इस लेख में भी चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय सेना के आक्रामक रवैये के कारण तनाव बरकरार है। इस लेख में भारतीय सेना के रिटायर्ड अफसर रंजीत सिंह का भी उल्लेख किया गया है। चीन ने कहा है कि रंजीत जैसे लोगों का मानना है कि चीनी सामान के बहिष्कार से हमारी आर्थिक हालत कमजोर होगी। ये ऐसा सोचना गलत है।
भारत में चीन सबसे बड़ा निवेशक

चीन का कहना है भारत को आर्थिक रूप से चीन से ही सबसे अधिक मदद मिलती है। वह भारत का बड़ा ट्रेंडिंग पार्टनर है। भारत में चीन सबसे बड़ा निवेशक है। ऐसे में राष्ट्रवाद की आड़ में चीन से दूरी बनाना अतार्किक है। इसमें दावा किया गया है कि भारत के 30 बड़े स्टार्टअप में से 18 में चीन ने ही निवेश किया है। इसके साथ घरेलू सामन, टीवी, माइक्रोवेव, एयरकंडीशनर, मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसी अहम चीजें भारत में चीन से ही आयात होतीं हैं। चीन से भारत को काफी कम दाम में सामान मिलता है। अगर वो इन्हें कहीं और से लेता है तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी।
चीन का कहना है कि भारत ने हाल ही में दावा किया था वे अब मेड इन इंडिया इक्विपमेंट के जरिए 4G इंटरनेट सेवाएं लोगों तक पहुंचाएगा। हालांकि सच ये है कि भारत में एक भी ऐसा टेलिकॉम प्रदाता है ही नहीं है जो कि 3G या 4G इंटरनेट के लिए जरूरी उपकरण का उत्पादन कर सके। चीन का कहना है कि भारत की सबसे बड़ी सीमा पाकिस्तान से मिलती है। ऐसे में मामले को शांति सुलझाना सही होगा। चीन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पड़ोस में दुश्मन की बजाए एक दोस्त बनाना ज्यादा फायदेमंद है।
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