दरअसल, ब्राजील के साओ पाउलो में कोरोना पर नियंत्रण के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ( Oxford University and AstraZeneca ) की ओर से विकसित किए जा रहे टीका के परीक्षण के दौरान एक वॉलंटियर की मौत हो गई। कोरोना के ट्रायल में शामिल प्रतिभागी की 15 अक्टूबर को मौत हो गई।
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ब्राजील के साओ पाउलो में कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) के तीसरे चरण का ट्रायल किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रियो-डि-जेनेरियो के रहने वाले 28 वर्षीय एक शख्स इस परीक्षण में प्रतिभागी के तौर पर शामिल था। परीक्षण के दौरान टीके की पहली खुराक उसे दी गई, जिसके बाद उसे कुछ स्वास्थ्य परेशानी हुई और फिर बाद में मौत हो गई।
अब यह मामला सामने आने के बाद से वैक्सीन को लेकर संदेह पैदा होने लगा है। हालांकि, इस गंभीर मामले को लेकर कंपनी ने कोई ज्यादा विवरण नहीं दिया है, लेकिन टीका के ट्रायल को रोकने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि ब्राजील में कोरोना ( Coronavirus In Brazil ) की वजह से अब तक 1.54 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
वैक्सीन से नहीं हुई मौत: ऑक्सफोर्ड
वॉलंटियर की मौत को लेकर ऑक्सफोर्ड ने दावा किया है कि प्रतिभागी की मौत तीसरे चरण के टीके के ट्रायल के दौरान नहीं हुई है। ब्राजील के स्वास्थय प्राधिकरण एविसा ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की वजह से उसकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी, जिससे शख्स की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि परीक्षण के दौरान शख्स को टीके की खुराक नहीं दी गई थी, बल्कि प्लेसेवो लगाई गई थी, जो कि असली दवा नहीं है। एविसा ने दावा किया कि वैक्सीन के अभी तक नकारात्म परिणाम सामने नहीं आए हैं।
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आपको बता दें कि ब्राजील में एस्टेराजेनेका के टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 10 हजार प्रतिभागियों में से 8 हजार को शामिल किया गया है। 6 शहरों के अस्पतालों में मरीजों को टीके दिए गए हैं। ब्राजील विश्व विद्यालय ने दावा किया है कि अभी तक तीसरे चरण के ट्रायल में टीके संंबंधित कोई नकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।
मालूम हो कि कोरोना के खिलाफ टीके की रेस में सबसे आगे एस्ट्राजेनेका की एजेडडी-1222 के परीक्षण पर अमरीका में रोक लगी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में अभी कोरोना के संभावित 42 टीकों का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें से दस तीसरे चरण में हैं।