ईरान परमाणु समझौताः संयुक्त राष्ट्र ने कहा- पीछे ना हटे अमरीका, ट्रंप ने दिया ऐसा जवाब डील एक ऐतिहासिक भूल टीवी पर दिए अपने भाषण में ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमरीका को संबोधित करते हुए कहा कि यदि उन्हें लगता है कि यह डील एक ऐतिहासिक भूल थी तो उसको वे कूड़े में डाल दें। रुहानी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियार बना सकते है। इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका को आगाह करते हुए कहा था कि यदि अमेरिका परमाणु डील से पीछे हटा तो तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
परमाणु समझौते पर ईरानः ऐसे कदम उठाएंगे कि दुनिया वाले हैरान हो जाएंगे डील टूटने की आशंका पर बेचैन कई देश इस डील के टूटने की और इससे होने वाले नुकसान की आहट कई देशों में महसूस की जा रही है। जर्मनी समेत फ्रांस और ब्रिटेन भी इस डील से पीछे न हटने के लिए अमेरिका से अपील कर चुके हैं। इसी सिलसिले में कुछ दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रान ने भी अमेरिका की यात्रा की थी। इसके अलावा कुछ दिन में ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि यह सही है कि इस डील में कुछ खामियां रही हैं, इसके बावजूद डील तोड़ने के अलावा हमारे पास दूसरे कई विकल्प हैं।
रूस अमरीका को दे चुका है चेतावनी दूसरी तरफ रूस और चीन पहले ही इस डील को लेकर अमरीका को चेतावनी दे चुके हैं। ऐसे में ईरानी राष्ट्रपति का ताजा बयान मामले को और गंभीर बना रहा है। रुहानी इससे पहले भी यह बात कह चुके हैं कि यदि अमरीका इस डील से पीछे हटता है तो वह तेजी से परमाणु मिसाइल कार्यक्रम शुरू करेंगे,जिसे कोई नहीं रोक सकेगा।
2015 में हुई थी परमाणु डील अमेरिका और ईरान के बीच उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकने और प्रतिबंधों पर छूट को लेकर वर्ष 2015 में परमाणु डील की गई थी। इस डील में अमेरिका के अलावा फ्रांस,जर्मनी, ब्रिटेन, रूस और चीन शामिल थे। मगर डील के दो साल बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा की सबसे बड़ी भूल बताया था। यहां पर ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि कुछ ही दिन पहले इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान ने इस डील की आड़ में परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा है। नेतन्याहू ने यह भी कहा था कि यदि अमेरिका को यह डील रखनी है तो यह जरूरी होगा कि ईरान के सारे परमाणु हथियारों को कम समय सीमा में खत्म कर दे। हालांकि बेंजामिन द्वारा पेश किए गए तथ्यों का ईरान ने जबरदस्त तरीके से खंडन किया था।