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India-China Faceoff: ब्रिटेन-अमरीका ने भारत के फैसले का समर्थन किया, कहा-हद में रहे चीन

locationनई दिल्लीPublished: Jul 01, 2020 11:08:29 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

इस पूरे मामले में अमरीका और ब्रिटेन (UK) ने भारत के प्रति एकजुटता जाहिर की, कहा चीन China) दूसरों की सीमा पर धौंस जमा रहा।
ब्रिटेन के सांसदों ने कहा कि चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार को समीक्षा करनी होगी, इसके लिए कड़े कदम उठाने जरूरी हैं।

britain PM Boris Johnson

अमरीका और ब्रिटेन ने भारत के साथ दिखाई एकजुटता।

लंदन/वाशिंगटन। चीन (China) के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमरीका (America) और ब्रिटेन (Britain) ने भारत का साथ दिया है। दोनों देशों ने गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीन की चालबाजी की निंदा की है। चीन और भारत के बीच इस घटना के बाद से तनाव बना हुआ है। भारत ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए 59 चाइनीज ऐप्स (Chinese Apps) पर बैन लगा दिया था। सरकार का कहना कि इनकी मदद से यूजर्स के डेटा को खतरा है। इस मामले में ब्रिटेन का कहना है कि चीन का रवैया धौंस जमाने वाला होता जा रहा है। वहीं अमरीका कहना है कि बीजिंग को अपनी हद में रहने की जरूरत है।
धौंस भरे व्यवहार पर सांसदों ने चिंता व्यक्त की

सोमवार को ब्रिटेन के सांसदों ने कहा कि चीन के बदलते व्यवहार और कोरोना वायरस से जुड़ी सूचनाओं को छिपाना दर्शाता है कि वह अब धोखेबाजी पर उतर आया है। उसके धौंस भरे व्यवहार पर सांसदों ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि चीन में रह रहे उइगर मुसलमानों की स्थिति बदतर होती जा रही है। उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव हो रहा है। वहीं दक्षिण सागर से भारत की सीमा तक चीन का व्यवहार धौंस भरा रहा है। इन हालतों को लेकर सांसदों ने कहा कि क्या सरकार अब चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की आंतरिक समीक्षा शुरू करेगा।
एशिया मामलों के लिए ब्रिटिश मंत्री निगेल एडम्स ने इस ममाले में यह कहते हुए जवाब दिया कि ब्रिटेन सरकार विभिन्न मुद्दों पर अपनी चिंताओं को व्यक्त कर चुकी है। एडम्स ने कहा कि ब्रिटेन इन मुद्दों को लेकर कभी पीछे नहीं हटा है। उसने द्विपक्षीय रूप से तथा संयुक्त राष्ट्र में सभी चिंताओं को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
अमरीकी सीनेटर ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई

पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के मामले में अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने भारत का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बीजिंग से डरेगा नहीं। रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने अमरीका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से बात की और चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के मामले में भाारत के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
मजबूत हुए भारत-अमेरिका के रिश्ते

अमरीका में सत्ताधारी पार्टी और डेमोक्रेट के शीर्ष दो सीनेटरों ने भारत के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने पर जोर दिया है। खास तौर पर पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान और सैन्य क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास में तेजी लाने का आग्रह किया है। इसके लिए एक विधेयक भी पेश किया गया है।
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