करीब दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले और धनशोधन यानी मनी लॉंड्रिंग ( Money Laundering ) मामले के आरोपी नीरव मोदी को ब्रिटेन की एक अदालत के सामने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश किया गया। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए नीरव मोदी की हिरासत को 27 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया। अब अगली सुनवाई सितंबर में शुरू होगी।
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बता दें कि मनी लॉंड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में भारत में नीरव मोदी के खिलाफ विभिन्न जांच एजेंसियों ने कई मामले दर्ज किए हैं। इस मामले में नीरव के सहयोगी मेहुल चौकसी ( Mehul Choksi ) भी भारत में वांछित हैं।
लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है नीरव मोदी
नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित ( Extradition ) किए जाने के संबंध में ब्रिटेन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ( Westminster Magistrate Court in Britain ) में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नीरव मोदी को 27 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
49 वर्षीय नीरव मोदी को पिछले साल 19 मार्च को लंदन से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है। जिला जज वैनेसा बैरेटर ( District Judge Vanessa Barrator ) ने कहा कि आप फिर से वीडियो लिंक के माध्यम से सुनवाई के लिए पेश होंगे। आपके वकील अदालत में उपस्थित हो सकते हैं। नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के पहले चरण में मई में जिला न्यायाधीश सैम्युअल गूजी ( District Judge Samuel Gooji ) ने सुनवाई की थी और दूसरे चरण की सुनवाई सात से 11 सितंबर के बीच होनी है।
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सितंबर में सुनवाई शुरू होने के साथ ही भारतीय अधिकारी दूसरी बार नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर कोर्ट से आग्रह करेंगे। इस साल के शुरुआत में भारतीय मूल की ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ( Britain’s Home Minister Preeti Patel ) ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूर किया था।
आपको बता दें कि नीरव मोदी ने पिछले साल नवंबर में अपने घर में नजरबंदी की गारंटी की पेशकश करते हुए जमानत के लिए याचिका दायर की थी। हालांकि चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बथनॉट ने गवाहों को प्रभावित करने तथा मई, 2020 में प्रस्तावित सुनवाई में पेशी से भागने की आशंका के मद्देनजर उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।