ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने चीन पर अपने देश में उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए वह जिम्मेदार है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह माना जाता है कि करीब 10 लाख उइगर मुसलमान और दूसरे लोग चीन में हिरासत में रखे गए हैं। इस 10 लाख हिरासत वाले लोगों में ज्यादातर उइगर मुस्लिम शामिल हैं। इन्हें यहां की सरकार रि-ऐजुकेशन कैंप बताती है।
डोमिनिक राब ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मुस्लिम समूह की जबरन नसबंदी और बड़े पैमाने पर उत्पीड़न की रिपोर्ट सामने आ रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन सहयोगियों के साथ इस पर उचित कार्रवाई करेगा। ब्रिटेन में चीन के राजदूत ने इस तरह के किसी भी यातना शिविर के होने से इनकार किया है और ऐसी खबरों को फर्जी बताया है।
मीडिया के एक कार्यक्रम में शामिल हुए चीनी राजदूत लियो श्याओमिंग के अनुसार उइगर मुसलमानों के साथ देश के जातीय समूह के कानून के अनुसार ही व्यवहार किया जा रहा है। मुस्लिम समूह की जबरन नसबंदी और बड़े पैमाने पर उत्पीड़न करने वाली खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन सहयोगियों के साथ इस बारे में उचित पहल करेगा।
कौन हैं उइगर मुस्लिम इस्लाम को मानने वाले उइगर समुदाय के लोग चीन के बड़े और पश्चिमी क्षेत्र शिंजियांग प्रांत में रहते हैं। इस प्रांत की सीमा मंगोलिया और रूस जैसे आठ देशों के साथ मिलती है। तुर्क मूल के उइगर मुसलमानों की आबादी करीब एक करोड़ है। इस क्षेत्र में उनकी आबादी बहुसंख्यक थी। लेकिन जब से इस क्षेत्र में चीनी समुदाय हान की संख्या बढ़ी है और सेना की तैनाती हुई है तब से यह स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिम ‘ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ की अगुवाई कर रहे हैं। इसका मकसद चीन से अलग होना है। दरअसल, 1949 में पूर्वी तुर्किस्तान जो अब शिनजियांग है, को एक अलग राष्ट्र के तौर पर माना गया था। मगर इस साल कुछ समय बाद यह चीन का हिस्सा बन गया।