इस डकैत ने एक लाख पचास हजार की डकैती की और वहां से भागने लगा। उसे डकैती डालते किसी ने देख लिया। किसी तरह उस आदमी ने उस डकैत की खबर पुलिस को दे दी। पुलिस वहां फौरन पहुंच गई। यह घटना इतनी जल्ल्दी बजी में हुई कि अभी आंद्रे ने डकैती डाली ही थी तभी पुलिस उसे पकड़ने के लिए वहां धमक गई। अपने पीछे पुलिस को देख आंद्रे एक चुराई हुई मोटरसाइकिल चलाकर भागने की कोशिश करने लगा। लेकिन, बाइक मौके पर स्टार्ट नहीं हुई।
पुलिस के डर से अब वह दौड़ने लगा। दौड़ते-दौड़ते वह चार्लटन के पास एक रेलवे ट्रैक के पास जा पहुंचा। आप यकीन नहीं करेंगे कि पुलिस उसे पकड़ने के लिए हेलीकॉप्टर तक की मदद ली। वह चुपके से चार्लटन के रेलवे ट्रैक के नजदीक स्थित एक छोटे से जंगल में जा छिपा और वहां एक पेड़ पर चढ़कर बैठ गया। जंगल के ऊपर से पुलिस का हेलीकॉप्टर डकैत को लोकेट करने की कोशिश कर रहा था। उन्हें दिख नहीं रहा था कि वह जंगल में किस जगह छिपा बैठा है। उसे जंगल से कई ट्रेनें भी होकर गुजरती हैं। इसलिए पुलिस ने आंद्रे के भाग जाने के डर से सभी ट्रेनों को उस ट्रैक पर गुजरने से रोक दिया था। आंद्रे 17 घंटों तक पेड़ पर ही छुपकर बैठे रहा। एक डकैत को पकड़ने के चक्कर में 783 ट्रेनों को देरी से चलाना पड़ा जिससे सैकड़ों यात्रियों को देर हो गई और सरकार को लगभग चार करोड़ तक का चूना भी लग गया। लेकिन आखिरकार में आंद्रे को पकड़ ही लिया गया। उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे कोर्ट से 18 महीनों की जेल की सजा सुनाई गई।