मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सांघा ने नवदीप बेंस ( Former Minister Navdeep Bence ) पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने नवदीप बेंस के अतिवादी विचारों की आलोचना की थी। सांघा ने ये सवाल किया था कि क्या ऐसा व्यक्ति मंत्री बनने के लायक है। सांघा के इस बयान पर पार्टी ने तत्काल नोटिस जारी कर दिया और फिर बाद में प्रधानमंत्री ट्रूडो की सलाह पर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
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आपको बता दें कि रमेश सांघा 1994 में कनाडा आए थे। उनका संबंध भारत के पंजाब से है। वे पूर्व में भारतीय सेना का अधिकार भी रहे हैं। उन्होंने पिछले साल एक बयान में ये कहा था कि पार्टी खालिस्तान समर्थकों को शह दे रही है, जिससे भारत के साथ कनाडा का संबंध खराब हो रहे हैं। वह पहली बार 2015 में सांसद चुने गए थे। लेकिन अब जब पार्टी ने उन्हें निकाल दिया है तो वे निर्दलीय सांसद की तरह संसद में बैठेंगे। सांघा दूसरी बार सांसद चुने गए थे। सांसद बनने से पहले वे एक वकील के तौर पर कनाडा में कार्य कर रहे थे।