राणा को शिकागो में 14 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन जेल के अंदर जब उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई और जांच में कोरोना पॉजिटिव ( Corona Positive ) पाया गया तो सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया। हालांकि भारत ने अमरीका से राणा के प्रत्यर्पण की अपील की थी, इसलिए उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
26/11 हमले की साजिश रचने वाले तहव्वुर राणा को जल्द भारत लाया जाएगा
अमरीकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा के प्रत्यर्पण का आधार हत्या और हत्या की साजिश में शामिल होने को बनाया गया है। भारत में राणा को भगोड़ा घोषित किया गया है। बता दें कि अमरीकी कानून के अनुसार, एक ही अपराध के लिए एक व्यक्ति को दो बार दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे।
30 जून को होगी अगली सुनवाई
आपको बता दें कि इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 जून को होगी। भारत प्रत्यर्पण ( Extradition ) के मामले में 11 जून को राणा की कोर्ट में पहली पेशी हुई थी। कोर्ट ने राणा के वकील से 22 जून तक जमानत अर्जी लगाने के लिए कहा है और प्रत्यर्पण को लेकर अमरीकी सरकार से 26 जून तक जवाब मांगा है। राणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ( National Investigation Agency ) के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
पाकिस्तान में जन्में कनाडा के रहने वाले तहव्वुर राणा को मुंबई हमलों के संबंध में दोषी ठहराया गया था, हालांकि अमरीकी अभियोजक 2011 में चले मुकदमे के दौरान उस पर आतंकवाद का वह आरोप साबित करने में नाकाम रहे। लेकिन इसके बाद राणा को आतंकवादी संगठनों की मदद करने के मामले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
राणा को पाकिस्तानी आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा को मदद मुहैया कराने के लिए शिकागो में दोषी करार दिया था। लश्कर-ए-तैयबा ने ही मुंबई में आतंकी हमले की योजना बनाई थी।
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मालूम हो कि राणा को डेनमार्क के उस अखबार पर हमला करने की साजिश में मदद करने के लिए भी गिरफ्तार किया गया था, जिसने 2005 में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे। हालांकि इस हमले को अंजाम नहीं दिया गया था।
26/11 के आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे
आपको बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए थे। इस हमले में 166 लोग मारे गए और 300 घायल हुए थे। इस महले में कई अमरीकी नागरिक भी मारे गए थे।