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‘Amphan’ से प्रभावित बंगाल में सेना ने संभाला मोर्चा, युद्ध स्तर पर शुरू किए राहत कार्य

locationनई दिल्लीPublished: May 24, 2020 12:16:29 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

Highlights

राहत कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने सेना के 5 कॉलम तैनात किए
NDRF की टीम सड़कों से पेड़ हटाने के काम में जुटी
ओडिशा ने भी 1000 कर्मचारी भेजकर बढ़ाया मदद का हाथ

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पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान ने तबाही मचाई है। इससे राज्य का बुनियादी ढांचा चरमरा गया है और बुनियादी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। तहस-नहस हुए बुनियादी ढांचे और जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए राज्य में सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। केंद्र ने इसके लिए सेना के पांच कॉलम तैनात किए हैं। सैनिकों को कोलकाता, पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया गया है। बता दें, सेना के एक कॉलम में 35 सैनिक होते हैं, जिनमें अधिकारी और जूनियर कमीशन अधिकारी शामिल हैं।
राज्य के 4 हिस्सों में तूफान से ज्यादा नुकसान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- राज्य के 4 हिस्सों में चक्रवात तूफान ने की वजह से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने शनिवार को केंद्र से मदद मांगी थी और सेना भेजने की अपील की थी। बंगाल के गृह विभाग ने सहायता के लिए एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। जिनमें कहा गया था कि राज्य में चक्रवात के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। यहां रेलवे, पोर्ट, बिजली और टेलिफोन लाइनों समेत सबकुछ तहस-नहस हो गया है।
राहत कार्य शुरू ना होने पर लोगों ने किया था विरोध

ट्वीट्स में गृह विभाग ने यह भी बताया कि लॉकडाउन की पाबंदियों के बावजूद ज्यादातर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है, लेकिन इस समय उसको और मदद की जरूरत है। क्योंकि तूफान थमने के तीन दिन बाद भी कोलकाता समेत विभिन्न जिलों में राहत कार्य शुरू ना होने और बिजली-पानी की आपूर्ति ना होने के कारण लोगों ने विरोध विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे।
राज्य सरकार ने केंद्र से मांगी मदद

परिस्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने शनिवार को चक्रवात से प्रभावित इलाकों में जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए सेना, रेलवे, पोर्ट ट्रस्ट और NDRF से मदद मांगी। सरकार ने निजी संस्थाओं से भी कर्मचारियों और उपकरण उपलब्ध कराने की अपील की है। इसके बाद NDRF की टीम कोलकाता में सड़कों से पेड़ों को हटाने में जुट गई है। कई अन्य विभागों के 1000 से ज्यादा दल पेड़ों को काटने और हटाने में लगे हुए हैं ताकि घरों में बिजली की आपूर्तिं बहाल की जा सके। सेना भी राहत कार्यों में लग गई है।
ओडिशा ने DRAF के 500 जवान भेजे

बंगाल की सहायता के लिए ओडिशा ने DRAF (डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स) के 500 जवान और फायर डिपार्टमेंट के 500 कर्मचारी भेजे हैं। बंगाल की सीएम ने ओडिशा से भी मदद की अपील की थी। सीएम ने कहा था कि फणि तूफान के समय बंगाल ने ओडिशा की मदद की थी। इस पर ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने कहा कि बंगाल में राहत कार्य में ओडिशा मदद करेगा। उन्होंने बताया कि- ‘ओडिशा सरकार ने बंगाल में गिरे पेड़ों को हटाने, रोड क्लियर करने और अन्य राहत कार्य के लिए ओडिशा डिजास्टर रैपिड ऐक्शन फोर्स के 500 जवान और फायर डिपार्टमेंट के 500 कर्मी भेजने का निर्णय लिया है।’ बंगाल ने झारखंड से भी सहायता के लिए टीम मांगी है।

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