क्राइम (Crime) मामलों के जानकार और वरिष्ठ अनुसंधान निदेशक मैक्स कपुस्टिन का कहना है कि यह दंगे किसी भी हद को पार करने वाले थे। अश्वेत की हत्या को लेकर भड़के रोष को संभालने के लिए पुलिस ने कोई तैयारी नहीं की थी। शिकागो पुलिस डिपार्टमेंट के अनुसार ये दंगे अचानक भड़के हैं। इसे लेकर हमें कोई अंदेशा नहीं था कि दंगाई पूरी तैयारी के साथ ये हमला करेंगे। इसके हमले में ज्यादातर अश्वेत मारे गए हैं। 1991 के बाद शिकागो के लिए ये सबसे डरावना दिन था। इस दंगे में 13 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों और घायलों में छात्र, अभिभावक और मध्यम आयु वर्ग के कार्यकर्ता शामिल हैं।
शिकागो के मेयर लोरी लाइटफुट का कहना है कि 31 मई को शहर के 911 आपातकालीन कॉल सेंटर में औसतन 65,000 से 50,000 से अधिक कॉल आए। पुलिस ने बताया कि बीते सप्ताह में अनुभव की गई गतिविधि का स्तर काफी भयावाह रहा है और विभाग पूरे शहर में कई घटनाओं की सक्रिय रूप से जांच रहा है और इन मामलों में उद्देश्यों को जानने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा गया है कि यह “प्रभावित सभी निवासियों के लिए न्याय मांगने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है, विशेष रूप से वे जो हिंसा की इन मूर्खतापूर्ण कृत्यों से मारे गए या घायल हुए हैं।”
दो साल के बेटे के 36 वर्षीय पिता एंजेलो ब्रॉनसन अपने परिवार से मिलने वॉशिंगटन डीसी आए थे, उन्हें गोली मार दी गई। वहीं तीन साल के बच्चे के 32 वर्षीय पिता जॉन टाइग्स, अपने बिल का भुगतान करने के लिए एक सेल फोन की दुकान पर जा रहे थे कि तभी उन्हें भी गोली मार दी गई।
विश्वविद्यालय के छात्र लाजरा डेनियल और कीशनय बोल्डेन- दोनों 18-वर्षीय, रविवार के पीड़ितों में से थे। शिकागो की हत्या की दर, हालांकि अमेरिकी शहरों में सबसे अधिक है, हाल के दिनों में गिर गई है। 1990 के दशक में, शहर में एक वर्ष में 900 से अधिक हत्याओं को देखना असामान्य नहीं था।