United Nations Security Council में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाने पर चीन ( China support Pakistan on Kashmir issue ) ने किया समर्थन।
भारत ने दी सख्त चेतावनी और पूर्व में किए गए विफल प्रयासों ( china on kashmir issue ) से सबक लेने की सीख।
अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने की पहली वर्षगांठ पर यूएनएससी में नापाक ( Pakistan raise kashmir issue ) कोशिश।
China attempt to raise Kashmir issue at UNSC, India rejects it firmly
नई दिल्ली। भारत के खिलाफ लगातार किसी ना किसी गतिविधि में लगे चीन ( China ) को देश ने सख्त चेतावनी दी है। इस बार मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( United Nations Security Council ) में चीन द्वारा कश्मीर का मुद्दा ( china on kashmir issue ) उठाने से जुड़ा हुआ है। भारत ने गुरुवार को चीन पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि उसे ऐसी बेकार कोशिशों से उचित सबक लेना चाहिए। भारत ने दो टूक लहजे में चीन को स्पष्ट रूप से टोका और कहा कि वह अपने आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को दृढ़ता से खारिज करता है।
सियावर रामचंद्र की जय से शुरू और खत्म, पढ़ें भूमि पूजन के बाद PM Modi का पूरा संबोधन दरअसल, बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने और घाटी के पुनर्गठन की पहली वर्षगांठ थी। बीते वर्ष 5 अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को संसद ने अमित शाह द्वारा लाए गए प्रस्ताव के बाद पारित कर दिया था।
इस मौके पर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( unsc ) में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कराए जाने का प्रयास किया और चीन ने इस कदम का समर्थन ( China support Pakistan on Kashmir issue ) किया। हालांकि पाकिस्तान ( Pakistan raise kashmir issue ) और चीन की यह नापाक कोशिश सफल नहीं हो सकी। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को दृढ़ता से खारिज करता है।
विदेश मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी बयान में कहा गया, “हमने ध्यान दिया है कि चीन ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर से संबंधित मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विमर्श शुरू किया। यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले को इस मंच पर उठाने की कोशिश की है। पूर्व की ही तरह इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस बार भी खास समर्थन नहीं दिया गया।”
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि देश आंतरिक मामलों में चीन द्वारा किए जाने वाले हस्तक्षेप को दृढ़ता से खारिज करता है। इसके साथ ही उन्हें इस प्रकार के बेकार प्रयासों से उचित सबक लेने का भी आग्रह किया जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि चीन ने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किए जाने का मौजूदा प्रयास ऐसे नाजुक वक्त में किया है, जब पूर्वी लद्दाख वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे को लेकर काफी बड़ा विवाद चल रहा है।
NASA और SpaceX ने पृथ्वी और अंतरिक्ष तक आने-जाने को बना दिया आसान, जल्द ही दूसरे ग्रहों पर घूमने जा सकेंगे बता दें कि 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए लागू अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों; जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। पाकिस्तान के अलावा भारत के इस फैसले की चीन भी आलोचना करता रहा है। विशेषरूप से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले पर उसने काफी आलोचना की।
दरअसल, लद्दाख के कुछ हिस्सों पर चीन अपना दावा जता आया है और भारत के इस फैैसले के बाद ही चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे को कई बार उठाने की कोशिश की। हालांकि इस मुद्दे को सुरक्षा परिषद के तमाम सदस्य राष्ट्रों द्वारा खारिज कर दिया गया।