दरअसल, पोप फ्रांसिस ने अपनी नई किताब ‘लेट एस ड्रीम’ में चीन के उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक समूह की कथित पीड़ा का उल्लेख किया है, जिसपर मंगलवार को चीन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए आलोचना की है। चीन के विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक बयान में कहा कि पोप फ्रांसिस की टिप्पणियां तथ्यात्मक रूप से आधारहीन है। पोप की यह किताब दिसंबर में आएगी।
उइगर मुस्लिमों पर China की बर्बरता जारी, सैंकड़ों इमामों को शिनजियांग में बनाया गया बंदी
झाओ लिजियान ने दैनिक प्रेस ब्रिफिंग में कहा कि चीन में सभी जातीय समूहों को सामाजिक, धार्मिक और हर तरह की आदाजी है। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि 10 लाख से अधिक उइगर और अन्य चीनी मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को शिविरों में क्यों रखा गया है।
उइगरों पर अत्याचार कर रही है चीन
आपको बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में लाखों उइगर मुस्लिमों को शिविरों में रखा गया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर ये आरोप है कि उइगर मुस्लिमों को उनके धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से अलग कर उनकी आस्था को कुचला जा रहा है।
मानवाधिकार समूहों के साथ अमरीका और अन्य देशों ने ये आरोप लगाया है कि चीन सरकार जेल सरीखे इन शिविरों में उइगरों को प्रताड़ित कर रही है। हालांकि चीन ने शुरू में ऐसे शिविरों के अस्तित्व से इंकार किया था, लेकिन बाद में शिविरों के होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य रोजगार प्रशिक्षण मुहैया कराना तथा स्वैच्छिक आधार पर आतंकवाद तथा मजहबी चरमपंथ को रोकना है।
Britain ने चीन के खिलाफ उठाई आवाज, कहा-उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों पर करेंगे कार्रवाई
बता दें कि बीते दिन एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि चीनी अधिकारियों ने सैकड़ों मुस्लिम इमामों को हिरासत में ले लिया है। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सैंकड़ों इमामों को नजरबंद कर दिया गया है। ऐसे में उनकी नजरबंदी से एक ऐसा माहौल बना है, जैसे उइगर मुस्लिम मरने से डरते हैं, क्योंकि उनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं होगा।