script5बी रॉकेट फेल होने से चीन को लगा धक्का, लगातार गिरते रॉकेट के टुकड़ों से धरती पर बढ़ा खतरा | China Long March 5B Rocket Failed,Scientists Worried For Fallen Debris | Patrika News

5बी रॉकेट फेल होने से चीन को लगा धक्का, लगातार गिरते रॉकेट के टुकड़ों से धरती पर बढ़ा खतरा

locationनई दिल्लीPublished: May 16, 2020 12:18:35 pm

Submitted by:

Soma Roy

China Long March 5B rocket : कोरोना काल के बीच चीन ने लॉन्‍ग मार्च 5बी रॉकेट को किया था लांच
तकनीकी खराबी के कारण रॉकेट टूटकर हवा में बिखर गया

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China Long March 5B rocket

नई दिल्ली। इन दिनों अंतरिक्ष (Space) में काफी हलचल मची हुई है। लगतार ऊपर से गिरते हुए रॉकेट्स (Fallen Rockets) के मलबों से धरती के लिए खतरा बढ़ गया है। इनके टकाराने से भयंकर नुकसान हो सकता है। मालूम हो कि हाल ही में चीन के लॉन्‍ग मार्च 5बी रॉकेट (Long March 5B rocket) में अचानक खराबी आ गई। जिससे वह कई टुकड़ों में बिखर गया और धरती पर गिरने लगा। रॉकेट मिशन के फेल होने से चीन के मंसूबों पर भी पानी फिर गया। क्योंकि ड्रैगन इसके जरिए दुनिया को नीचा दिखाना चाहता था।
चीन (China) ने इस रॉकेट को 5 मई को हैनान द्वीप पर वेनचांग सेंटर से लॉन्च किया था। चीन ने इसे उस वक्त लांच किया था जब दुनिया कोरोना के प्रकोप से जकड़ी हुई थी। चीन इसके जरिए दुनिय को अपनी ताकत का अहसास करवाना चाहता था। चीन ने इस लॉन्‍च के आसपास ही अपने यहां पर लगे लॉकड़ाउन को खोलने की कवायद भी शुरू की थी। वैज्ञानिकों के अनुसार तकनीकी खराबी के काराण रॉकेट अनियंत्रित हो गया था और इसके बाद ये पृथ्वी के वायुमंडल में तेजी से गिर रहा था। पिछले तीन दशकों में यह पृथ्वी के वायुमंडल में लौटने वाला सबसे बड़ा स्पेस जंक था। इस रॉकेट ने 11 मई को सुबह करीब 11:33 बजे पृथ्‍वी के वायुमंडल में प्रवेश किया था।
अमेरिका की स्‍पेस फोर्स 18वीं स्‍पेस कंट्रोल स्‍क्‍वाड्रन के मुताबिक उस वक्‍त यह अफ्रीका के पश्चिमी तट से अटलांटिक सागर के ऊपर से गुजर रहा था। हैरानी की बात यह है कि अमेरिका के वैज्ञानिकों को आखिरी समय में इसका पता लग सका। वैज्ञानिकों ने बताया कि चीन के इस रॉकेट के टुकड़े 15 मिनट बाद ही न्‍यूयॉर्क शहर के ऊपर देखे गए थे। चीन रॉकेट को अगली पीढ़ी के क्रू कैप्सूल को कक्षा में स्थापित करने के लिए लेकर गया था। चीनी डिजाइनरों ने इस रॉकेट के दूसरे चरण को हटा दिया और इसे पेलोड के लिए एक लंबे वॉल्यूम में बदल दिया था। चीन का ये शक्तिशाली रॉकेट लंबाई में करीब 100 फीट या 30 मीटर था और चौड़ाई में करीब 16 फीट या 5 मीटर था। इसका वजन करीब 20 मैट्रिक टन था। मालूम हो कि चीन से पहले स का एक रॉकेट फ्रेगैट-एसबी (Fregat-SB) 8 मई को स्‍पेस में 65 टुकड़ों में बिखर गया था। इसके कुछ टुकड़े संभावित तौर पर हिंद महासागर में गिरे थे। कम अंतराल में रॉकेट्स के टूटने की दो घटनाएं सामने आई हैं।
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