पाकिस्तान: इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के कार्यालय में देखा गया ड्रोन, भारत ने जताया कड़ा विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि चीन के न्यूक्लियर वारफेयर (परमाणु हथियारों) में उम्मीद से ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि चीन में निर्मित किए जा रहे 119 साइलोज हमारे लिए चिंता का विषय है। प्राइस ने चीन की महत्वाकांक्षा पर प्रश्न उठाते हुए इन साइलो के निर्माण पर चिंता भी जताई।Jammu Kashmir: पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में एक जवान शहीद, एक आतंकी भी मारा गया
क्या होती है इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल्सइन मिसाइलों के जरिए एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक हवा में हमला किया जा सकता है। ये मिसाइलें पृथ्वी से अंतरिक्ष में जाती हैं और फिर पृथ्वी पर टारगेट की गई लोकेशन पर हमला करती हैं। ये अपने साथ पारंपरिक विस्फोटक सामग्री अथवा न्यूक्लियर वेपन्स ले जाने में सक्षम हैं। वर्तमान में चीन के पास ऐसी कई मिसाईल्स हैं जो अमरीका तक सीधी मार करने की क्षमता रखती हैं। यदि चीन अपनी मिसाइल क्षमता को बढ़ाता है तो यह आने वाले समय में अमरीका के लिए बड़े खतरे का कारण बन सकता है। यही नहीं चीन तेजी से अपनी सेना का भी आधुनिकीकरण कर रहा है ताकि भविष्य में किसी भी छद्म युद्ध को सफलतापूर्वक लड़ा जा सके।