scriptसामने आया चीन का झूठ, आर्थिक बदहाली से बीआरआइ प्रोजेक्ट बंद होने के कगार पर | China's BRI project on the verge of closure due to economic crisis | Patrika News

सामने आया चीन का झूठ, आर्थिक बदहाली से बीआरआइ प्रोजेक्ट बंद होने के कगार पर

locationजयपुरPublished: Mar 28, 2021 11:59:42 pm

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pushpesh

-काबुल टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा-एक वर्ष में बीआरआइ पर चीन का निवेश 54 फीसदी घटकर 47 अरब डॉलर रह गया है।-139 देश शामिल हैं प्रोजेक्ट में, सबसे ज्यादा यूरोप और मध्य एशिया के

सामने आया चीन का झूठ, आर्थिक बदहाली से बीआरआइ प्राजेक्ट बंद होने के कगार पर

प्रोजेक्ट से हाथ खींचना चीन की मजबूरी है

चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। पिछले दिनों आई दो रिपोट्र्स इसकी तस्दीक कर रही हैं। काबुल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा चीन बीआरआइ प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्च को वहन करने की स्थिति में नहीं है। भले चीन अर्थव्यवस्था में सुधार का दावा करता रहा, लेकिन यह झूठ साबित हुआ। इतना ही नहीं पिछले एक वर्ष में बीआरआइ पर चीन का निवेश 54 फीसदी घटकर 47 अरब डॉलर रह गया है। हालांकि शोध संस्था रोडियाम गु्रप के अनुसार कोरोना महामारी से पहले ही चीन का ये प्रोजेक्ट मुश्किलों में घिर गया था। कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का मानना है कि चीन के लिए बीआरआई प्रोजेक्ट को फिर से पटरी पर लाना संभव नहीं है। चीन ने जिन देशों को लोन दे रखा है वो देश अब और लोन लेने की स्थिति में नहीं है और ना ही चीन से नया लोन ही लेना चाहते है। वहीं, चीन के लोग भी बीआरआइ प्रोजेक्ट को लेकर काफी नाराज हैं। लिहाजा जिनपिंग का यह प्रोजेक्ट अब हमेशा हमेशा के लिए बंद होने के कगार पर आ चुका है।
पड़ोसी दोस्त पाकिस्तान ने ही दिया धोखा
काबुल टाइम्स की रिपोर्ट में इस प्रोजेक्ट में ड्रेगन को भरोसेमंद पड़ोसी पाकिस्तान से भी बड़ा झटका लगा है। चीन ने पाकिस्तान को बीआरआइ से जुड़े 122 प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए अरबों रुपए का लोन दिया था, लेकिन पाकिस्तान इनमें सिर्फ 32 ही पूरे कर पाया। दूसरी ओर अफ्रीकी देशों को भी चीन ने खूब लोन दिए। अब ये देश पैसा लौटाने की स्थिति में नहीं हैं। कई देश न लोन चुका सकते हैं, और ना ही नया लोन लेने की इच्छा रखते। उधर महामारी के दौरान कई कंपनियां दिवालिया होने की स्थिति में आ पहुंची। इसलिए इस प्रोजेक्ट से हाथ खींचना चीन की मजबूरी है, जो उसके लिए बड़ा झटका है।
चीन ने माना, अमरीका और पश्चिमी देशों का हस्तक्षेप
चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेस के शू देंगमोई का कहना है कि अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों के हस्तक्षेप और दुष्प्रचार के कारण चीन के पड़ोसी देशों में बीआरआइ को लेकर राजनीतिक वातावरण बिगड़ा है।
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