काबुल टाइम्स की रिपोर्ट में इस प्रोजेक्ट में ड्रेगन को भरोसेमंद पड़ोसी पाकिस्तान से भी बड़ा झटका लगा है। चीन ने पाकिस्तान को बीआरआइ से जुड़े 122 प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए अरबों रुपए का लोन दिया था, लेकिन पाकिस्तान इनमें सिर्फ 32 ही पूरे कर पाया। दूसरी ओर अफ्रीकी देशों को भी चीन ने खूब लोन दिए। अब ये देश पैसा लौटाने की स्थिति में नहीं हैं। कई देश न लोन चुका सकते हैं, और ना ही नया लोन लेने की इच्छा रखते। उधर महामारी के दौरान कई कंपनियां दिवालिया होने की स्थिति में आ पहुंची। इसलिए इस प्रोजेक्ट से हाथ खींचना चीन की मजबूरी है, जो उसके लिए बड़ा झटका है।
चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेस के शू देंगमोई का कहना है कि अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों के हस्तक्षेप और दुष्प्रचार के कारण चीन के पड़ोसी देशों में बीआरआइ को लेकर राजनीतिक वातावरण बिगड़ा है।