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SPECIAL REPORT : किस डर से चीन कोरोना की उत्पत्ति की जांच कराने के लिए हुआ तैयार

locationजयपुरPublished: May 20, 2020 12:08:58 am

Submitted by:

Ramesh Singh

कोरोना वायरस सबसे पहले कहां से फैला? इसकी उत्पत्ति जानवरों से या लैब में हुई थी? इसको लेकर अमरीका समेत कई देश लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि वायरस चीन के वुहान की लैब से फैले हैं। जिनेवा में सोमवार से शुरू दो दिवसीय विश्व स्वास्थ्य सभा में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस की अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए सहमति दे दी है।

SPECIAL REPORT

जिनेवा. विश्व स्वास्थ्य सभा के वर्चुअल संबोधन में शी जिनपिंग ने कहा कि विश्व की स्थिति सामान्य होने के बाद इसकी जांच की जानी चाहिए। दुनिया की प्राथमिकता लोगों को बचाने की होनी चाहिए। चीन कोरोना से निपटने के लिए अगले दो वर्ष में डब्ल्यूएचओ को 15000 करोड़ रुपए की मदद देेगा। गौरतलब हो कि चीन के खिलाफ यूरोपीय संघ व भारत समेत दुनिया के 120 देश वायरस के खिलाफ जांच स्वतंत्र व निष्पक्ष जांक की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं।
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन की अनदेखी, कीमत चुका रहे देश
विश्व स्वास्थ्य सभा की वर्चुअल बैठक का उद्घाटन करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि कई देशों ने महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की अनदेखी की। इस वजह से कई देश इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एधानोम घेब्रेयसस ने 120 देशों के वायरस को लेकर जांच प्रस्ताव पर स्वतंत्र जांच कराने की बात कही।

यूरोपीय संघ ने भी दिया समर्थन
कोरोना को लेकर स्वतंत्र जांच के लिए ऑस्ट्रेलिया ने ये ड्रॉफ्ट तैयार किया है। भारत के अलावा 89 देशों ब्रिटेन, जापान, ब्राजील, कनाडा, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, तुर्की, रूस, इंडोनेशिया, मैक्सिको और यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों ने समर्थन किया। दूसरी ओर ताइवान को पर्यवेक्षक का दर्जा देने को लेकर चीन ने विरोध किया है। इस कारण वह सभा में शामिल नहीं हो रहा है।
900 मौतें, फिर भी पाकिस्तान पीछे हटा
चीन के खिलाफ कोरोना वायरस के जांच प्रस्ताव पर भारत समेत सार्क के तीन देशों को छोड़कर किसी देश ने समर्थन नहीं किया है। नौ सौ मौतों के बाद पाकिस्तान व नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सिर्फ बांग्लादेश और भूटान ने ही हस्ताक्षर किए हैं।

वुहान को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं : चीन
भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने ट्वीट किया कि हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ पर कोरोना के खिलाफ एक साथ लडऩा होगा। इससे पहले चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने ट्वीट किया था कि चीन के वुहान शहर में सबसे पहला मामला कोरोना वायरस आया, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वायरस वुहान में उत्पन्न हुआ है। गौरतलब हो कि दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से शुरू हुआ तीन माह में ही पूरी दुनिया में फैल गया। इससे 48 लाख से ज्यादा संक्रमित, तीन लाख से ज्यादा की मौत हो चुकी है। भारत में 96,169 संक्रमित व 3,029 लोगों की मौत हो चुकी है।

ताइवान को लेकर भिड़े चीन-अमरीका
डब्ल्यूएचओ की विश्व स्वास्थ्य सभा चीन के वुहान में कोरोना की उत्पत्ति को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव की पृष्ठभूमि में हो रही है। चीन और अमरीका के बीच टकराव का कारण ट्रंप प्रशासन द्वारा विवादित ताइवान को डब्ल्यूएचओ में शामिल करने पर जोर देना भी है। चीन ने इसका कड़ा विरोध किया है क्योंकि वह ताइवान को अपना हिस्सा बताता है।

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