बता दें कि अभी हाल ही में अमरीका ने अपनी एक घोषणा में कहा था कि वो चीन से आयात होने वाली चीजों पर जल्द ही प्रतिबंध लगा सकती है। साथ ही अमरीका ने यह भी कहा कि चीन जब तक अमेरिकी बौद्धिक संपदा पर कोई विचार नहीं करता तब तक ये तनातनी चालू रहेगी।
अमरीका ने चीन को लगाई लताड़, विवादित द्वीप पर नहीं चलेगी दादागिरी इस पर चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अपना बयान दिया कि वो अमरीका की इस घोषणा से हैरान है और ये घोषणा अभी हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई व्यापार सहमती से खिलाफ है। साथ ही चीन ने ये भी कहा कि अमरीका जोश में आकर कोई ऐसा कदम ना उठाए जिससे बाद में उसे पछताना पड़े।
चीन ने हाल ही में एक मीडिया अपना बयान दिया था जिसमें उसने कहा- चीन का हमेशा से यही रूख रहा है कि हम किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहते हैं लेकिन हम किसी भी मुकाबले से पीछे हटने वाले भी नहीं है। चीन इस मामले में अमेरिका के साथ व्यावहारिक तरीके से बातचीत करेगा और उम्मीद है कि अमेरिका भी दोनों देशों के बीच जारी संयुक्त वक्तव्य के अनुरूप काम करेगा।
परमाणु करार विवाद के बीच शंघाई सहयोग संगठन में भाग लेने चीन जाएंगे ईरान के राष्ट्रपति रूहानी दरअसल अमरीका ने आरोप लगाया है कि चीन ने विदेशी कंपनियाें पर इस बात के लिए दबाव डाला था कि वे चीनी व्यापारिक कंपनियों को तकनीकी हंस्तातरण करे। वहीं चीन इससे इनकार कर रहा है और उसका कहना है कि ये आरोप गलत है और अमरीका अपने व्यापार काे संरक्षण के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहा है।