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क्राइस्टचर्च अटैक: सरकार ने उठाया सख्त कदम, हमलावर के घोषणापत्र पर लगाया प्रतिबंध

locationनई दिल्लीPublished: Mar 24, 2019 06:50:23 am

Submitted by:

Anil Kumar

क्राइस्टचर्च के दो मस्जिदों में हुए हमले के बाद न्यूजीलैंड सरकार ने उठाया सख्त कदम।
हमलावर की ओर से हमले के बाद लिखे गए घोषणापत्र के प्रकाशन या वितरण या अपने पास रखने पर लगाया प्रतिबंध।
इससे पहले प्रशासन ने हमले के वीडियो पर लगाया था प्रतिबंध।

न्यूजीलैंड की पीएम जेसिंडा एर्डर्न

क्राइस्टचर्च अटैक: सरकार ने उठाया सख्त कदम, हमलावर के घोषणापत्र पर लगाया प्रतिबंध

क्राइस्टचर्च। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले के बाद अब सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में अब एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने उस घोषणापत्र को पास रखने और वितरित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसे कथित तौर पर मस्जिद पर हमला करने वाले बंदूकधारी ने लिखा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑफिस ऑफ फिल्म एंड लिटरेचर क्लासीफिकेशन ने घोषणा करते हुए कहा कि कानून के अंतर्गत यह दस्तावेज आपत्तिजनक है। बता दें कि नरसंहार के आरोपी 28 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई युवक ब्रेंटन टरांट का कथित घोषणापत्र 80 से ज्यादा पन्नों का है तथा इसमें प्रवासियों और मुस्लिमों के विरोध में बातें लिखी हैं।

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हमलावर ने सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट

न्यूजीलैंड के मुख्य सेंसर डेविड शैंक्स ने कहा, “ऐसे घृणास्पद वक्तव्य जिसे कई दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा खारिज किया जा सकता है, लेकिन जिसकी अभिव्यक्ति गैर-कानूनी नहीं है, और इस प्रकार का प्रकाशन जिसे जानबूझ कर आगे हत्या और आतंकवाद के लिए प्रेरित करने के लिए तैयार किया जाता है, उनके बीच फर्क करना जरूरी है।” हमला करने से ठीक पहले घोषणापत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया था तथा प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न के कार्यालय भेज दिया गया था।

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ऑनलाइन पोस्ट या लिंक्स को डिलीट करने की अपील

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को मुख्य सेंसर डेविड शैंक्स ने जनता से उस दस्तावेज की प्रतियों, ऑनलाइन पोस्ट या लिंक्स को डिलीट करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि न्यूजीलैंड वासी हत्या, घृणा और आतंक के लिए प्रेरित करने वालों को खारिज करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इसे दोबारा प्रकाशित कर या वितरित कर आरोपी के जानलेवा उद्देश्यों में साथ न दें। साथ ही इस हमले से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट, लिंक या वेबसाइट की शिकायत भी करें। मालूम हो कि इसी सप्ताह, प्रशासन ने नरसंहार के वीडियो पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस नसंहार में 50 लोगों की जान चली गई थी।

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