बता दें कि खशोगी की हत्या के बाद अमरीकी राष्ट्रपति ने सऊदी अरब को अपना अहम सहयोगी बताया था। जबकि आलोचकों का कहना है कि इस मामले पर ट्रंप ने अमरीका के रुख को लचर बना दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- ट्रंप ने पत्रकार की हत्या को लेकर सऊदी के वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान का बचाव किया था। हालांकि केंद्रीय खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शासन की ओर से हत्या पर सहमति थी।
प्यार में धोखा खाने पर प्रेमिका ने बॉयफ्रेंड के टुकड़े कर कुत्तों को खिला दिए इस मीडिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद सऊदी सरकार पर फिर से सवाल उठने शुरू हो गए हैं। रिपोर्ट में तुर्की के जानेमाने स्तंभकार का हवाला है, जिन्होंने उन्होंने दावा किया है कि सीआईए डायरेक्टर ने पिछले माह अंकारा की यात्रा के दौरान रिकॉर्डिंग होने के संकेत दिए थे। जबकि एक तुर्किश अधिकारी ने ऐसी कोई रिकॉर्डिंग न होने की बात कही है।
इस बीच, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा है कि अपने नेतृत्व को लेकर पूरा देश एकजुट है। उन्होंने उस रिपोर्ट को हास्यास्पद करार दिया जिसमें कहा जा रहा है कि सऊदी शाही परिवार के सदस्य उत्तराधिकार की लाइन में बदलाव देखना चाहते हैं। CNBC द्वारा किए गए एक इंटरव्यू में रॉयटर्स की उत्तराधिकार की लाइन में बदलाव संबंधी रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर अब्देल-अल-जुबेर ने कहा, ‘यह बेहद अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं, जो अस्वीकार्य हैं।’
क्यों चंद्रबाबू नायडू तेलंगाना रैली में सोनिया गांधी के साथ नहीं साझा करेंगे मंच? दूसरी ओर एक अन्य समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सऊदी के सत्तारूढ़ परिवार के कुछ सदस्य क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को किंग बनने से रोकना चाहते हैं। यह बात उसने रॉयल कोर्ट के तीन करीबी सूत्रों के वाले से कही है।
गौर हो, इस्तांबुल में पिछले माह सऊदी वाणिज्य दूतावास के अंदर क्राउन प्रिंस के आलोचक और पत्रकार शोगी की हत्या की पूरी दुनिया में आलोचना की जा रही है। सऊदी के प्रमुख सहयोगी अमरीका के अधिकारी और कुछ नेता भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं।