वैक्सीन आने के बाद भी लंबे समय तक रहेगा Coronavirus, तब तक लड़ना होगा: वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ये वायरस 40 से 70 साल ( coronavirus s is Exists Since 40 to 70 Years ) पहले ही आ गया था। तीन देशों के वैज्ञानिकों ने मिलकर शोध किया और इस बात की जानकारी दी। नेचर माइक्रोबायोलॉजी ( Nature Microbiology ) ने इस शोध को प्रकाशित किया है, जिसमें बताया गया कि वायरस 40-70 साल पहले दुनिया में मौजूद था, लेकिन अभी तक इसका पता नहीं लगाया जा सका था। वैज्ञानिक ने दावा किया है कि यह चमगादड़ों के शरीर में पाया गया था और फिर इंसानों तक पहुंचा।
40-70 साल पुराना वायरस
अमेरिका की पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी, ब्रिटिश एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी और हांगकांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर शोध किया है। पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मैसीज बोनी ने बताया कि मौजूदा कोरोना वायरस को समझने के लिए इसके वंशावली को समझना बेदह जरूरी है। इसे महामारी के इलाज खोजने में मदद मिलेगी। कोरोना वायरस 40-70 साल पहले एक अत्यंत करीबी वायरस का परिवर्तित रूप है। शोध में सामने आया है कि RaTG13 नामक वायरस का डीएनएन अनुक्रम SARS-CoV-2 से मिलता जुलता है।
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चमगादड़ से फैला
वैज्ञानिकों ने बताया कि दोनों वायरस के पूर्वज एक ही हैं, लेकिन इवोल्यूशन की प्रक्रिया के दौरान ये दोनों अलग हो गए थे। लेकिन, इन दोनों वायरस का मुख्य माध्यम चमगादड़ ही है। शोध पर काम करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के प्रोफेसर डेविड रॉबर्टसन ने बताया कि इंसानों के साथ-साथ अब जंगली चमगादड़ों की भी सैंपलिंग करनी होगी, ताकि कोरोना के संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके। प्रोफेसर ने चेताया कि अगर ये वायरस 70 साल पहले भी मौजूद था तो उसने संक्रमण को बढ़ाने के लिए दूसरे जानवरों में वायरस को फैलाया होगा।