इटली के हालात को संभालने के लिए सेना को बुला लिया गया ताकि यहां पर लॉकडाउन (Lockdown) को सख्ती से लागू किया जा सके। इस संक्रमण ने यहां पर एक पीड़ी को खत्म कर दिया है। लोगों के अंदर दहशत है कि कब मौत का फंदा उनको न जकड़ ले। मृतकों के लिए ताबूत भी कम पड़ रहे हैं।
कोरोना के कहर से सहमी दुनिया: चीन से आगे निकला इटली, अब तक 3405 मरे कोरोना से कुल 11,220 लोगों की मौत हो चुकी है गौरतलब है कि कोरोना वायरस से दुनियाभर में 24 घंटे में हजार से ज्यादा जानें गई हैं। 11 हजार के पार दुनियाभर में कोरोना से कुल 11,220 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से करीब 6 हजार मौतें यूरोप में हुई हैं। यूरोप में इटली के बाद स्पेन सबसे अधिक प्रभावित वाला देश है, यहां संक्रमित लोगों की संख्या 20 हजार के पार पहुंच गई है।
चीन और इटली के बाद ईरान में 1433, स्पेन में 1,041, फ्रांस में 372 लोगों की मौत हो गई है। वहीं दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमरीका छठवें स्थान पर है। यहां 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 15,777 लोग संक्रमित हैं। पूरी दुनिया में 2,62,000 लोग संक्रमित है। करीब डेढ़ लाख से अधिक मामले सिर्फ एक सप्ताह के अंदर आए हैं।
अच्छी स्वास्थ्य सुविधा वाला देश हो गया पस्त यूरोप में सबसे अधिक मौतें इटली में हुई हैं। इटली में 60 फीसदी से अधिक आबादी 40 साल से ऊपर की है। युवा आबादी इटली में कम है। लंबी आयु का श्रेय यहां कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को दिया जाता है। मगर यहां के हालात देखकर ऐसा लगता की पूरी स्वास्थ्य सेवा ही चरमरा गई है। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य मेडिकल स्टाफ की हालत खराब हो गई है। सब वायरस की चपेट में हैं।
इटली के अस्पतालों में बिल्कुल भी जगह नहीं हैं। यहां के बेड भरते जा रहे हैं। मरीजों का ख्याल रखना मेडिकल स्टाफ के लिए कड़ी चुनौती है। इटली में 47 हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित बताए जा रहे हैं। देश के बर्गामो शहर में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। वहां के हालात डरा देने वाले हैं। हालात ये हैं कि वेटिंग रूम तक को वार्ड में बदल दिया गया है। अस्पताल संचालकों का कहना है कि वे इसके हर एक कोने को उपयोग करना चाहते हैं। मेडिकल स्टाफ का कहना है कि वे एक जंग लड़ रहे हैं।
आखिर सेना बुलाने पर राजी हुई सरकार सरकार के पास एकमात्र रास्ता अब लॉकडाउन को सख्ती से लागू करना है। इटली की सरकार ने सेना को बुलाने का फैसला किया है। देश के लोम्बार्डी रिजन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार अब सेना का उपयोग कर लॉकडाउन के लिए सख्त रवैया अपनाना चाहती है। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने फैसला लेने में काफी देर कर दी है।