जयपुरPublished: May 09, 2020 10:38:56 am
Ramesh Singh
वायरस को शुरुआत में नियंत्रित करने को लेकर चीन की आलोचना हो रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर अग्रसर हो गई है। विश्व स्वास्थ्य सभा का सत्र करीब 10 दिन बाद शुरू होने वाला है। कोरोना वायरस को लेकर चीन पर जांच का मुद्दा गरमा हो गया है। गौरतलब हो कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत साल 2019 में चीन के वुहान शहर से हुई थी। पूरी दुनिया में अब तक 2.71 लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
चीन के हेनान प्रांत में लॉकडाउन के बाद खुले स्कूल, कक्षा में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत तय दूरी पर बैठाया गया।
ब्रिटेन ने भी उठाए सवाल
कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा किरकिरी अमरीका ने की है। चीन व डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेड्रेस अधनोम ग्रेब्रेसियस की सबसे ज्यादा आलोचना अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने की है। डब्ल्यूएचओ पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए फंडिंग पर भी रोक लगा दी थी। इसके अलावा ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने भी चीन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
यूरोपीय संघ पेश करेगा प्रस्ताव
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयन वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच की बात कह चुकी हैं। हाल ही हुई बैठक में यूरोपीय संघ ने घोषणा की कि वह विश्व स्वास्थ्य सभा में एक प्रस्ताव पेश करेगा ताकि डब्ल्यूएचओ के प्रदर्शन सहित कोरोना वायरस को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की समीक्षा की जा सके। वाशिंगटन व जिनेवा के राजनयिकों ने कहा कि प्रस्ताव को सभी देशों से विमर्श के बाद तैयार करें ताकि अंतरराष्ट्रीय संस्था की सालाना बैठक में चीन पर दबाव बनाया जा सके।