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क्रिकेटर के भाई पर आरोपपुलिस ने मंगलवार को पुष्टि की कि एक विश्वविद्यालय नोटबुक में आतंकवाद की नकली “हिट लिस्ट” की जांच के सिलसिले में मंगलवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद अर्सलन खवाजा को औपचारिक रूप से मजिस्ट्रेट के पास ले जाया गया। अर्सलन ख्वाजा पर झूठे दस्तावेज बनाने के लिए कानून को तोड़ मरोड़कर गलत तरीके से अपने फेवर में करने का आरोप लगाया गया है। ख्वाजा को जमानत देने से इंकार कर दिया गया है। मंगलवार को उसे स्थानीय न्यायालय में पेश किया जाएगा। ख्वाजा से इस नोटबुक के संबंध में पुलिस पहले भी पूछताछ कर चुकी है। पिछली पूछताछ के दौरान अर्सलन खवाजा ने पुलिस को गलत जानकारी दी परिणामस्वरूप अगस्त में पीएचडी छात्र मोहम्मद कमर निजामदीन की गलत तरीके से गिरफ्तारी हुई थी।
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गंभीर हैं आरोपसहायक आयुक्त मिक विलिंग ने कहा, “हम मानते हैं कि इसकी योजना बनाई गई थी। ख्वाजा के मुस्लिम होने के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में पुलिस आयुक्त ने कहा कि हमारे पास यह साबित करने के लिए कोई जानकारी नहीं है कि इस मामले में हमारी पूछताछ से किसी समुदाय के लिए कोई खतरा है।” अर्सलान की गवाही के आधार पर न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के छात्र पर पूर्व प्रधान मंत्री मैल्कम टर्नबुल और सिडनी ओपेरा हाउस जैसे स्थलों पर इस्लामी स्टेट से प्रेरित आतंकियों द्वारा हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की गलती यह रही कि पुलिस ने एक नोटबुक पर भरोसा किया जिसमें साजिश का विवरण शामिल था। बाद में पुलिस ने फिर जांच की तो साबित हुआ कि यह सूची फर्जी थी। पुलिस ने आरोप लगाया है कि ख्वाजा ने एक लड़की से विवाद के कारण कमर निजामदीन को गलत तरीके से फंसा दिया।