सैलानियों को लुभाने किया एेसा एेलान कोरोना वायरस के डर की वजह से दुनियाभर के लोगों में एक डर बना हुआ है। कई देशों में लॉकडाउन में मिली ढील के बावजूद लोग बाजार जाने से कतरा रहे हैं। दूसरे देश घूमने जाने की बात तो अभी दूर-दूर तक सोची भी नहीं जा सकती है। बढ़ती बेरोजगारी की वजह से लोग अभी घूमने के प्लान को लंबे समय तक के लिए टालने की सोच रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस का खतरा भी बना ही हुआ है। इस बीच साइप्रस ने सैलानियों को लुभाने के लिए ऐलान किया है कि उसके देश में अगर कोई टूरिस्ट कोरोना पॉजिटिव निकलता है, तो सारा खर्च सरकार वहन करेगी। सिर्फ इलाज का नहीं बल्कि उस टूरिस्ट के आने-जाने का किराया, होटल का बिल, दवा सबकुछ सरकार देगी।
इस वजह से दी सुरक्षा खूबसूरत समुद्री तटों के लिए के मशहूर साइप्रस में कुछ सैलानियों ने आना भी शुरू किया है। ऐसे में साइप्रस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम चाहते हैं हमारे यहां आने वाला हर सैलानी खुद को सुरक्षित महसूस करे। वो यहां रुकने में घबराए नहीं। इसी वजह से हमने उन्हें सुरक्षा देनी की सोची है।
साइप्रस में कोरोना से 17 की मौत बता दें साइप्रस की कुल अर्थव्यवस्था का 15 फीसदी हिस्सा टूरीजम इंडस्ट्री से आता है। सैलानी पूरे साल देश में आते रहते हैं। दिलचस्प रूप से इतने आवागमन के बावजूद साइप्रस में कोरोना वायरस ने बुरी तरह पैर नहीं पसारे। इस देश में अब तक कोरोना के कुल 1 हजार मामले ही सामने आए हैं। देश में महामारी से अब तक 17 लोगों की मौत हुई है।
गौरतलब है कि टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री की तो कमर ही टूट गई है। सैलानियों की आवाजाही बंद होने से होटल इंडस्ट्री पर ब्रेक लग गया है। अब होटल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। होटल इंडस्ट्री ही नहीं टूर एंड ट्रेवल्स के बिजनेस को भी कोरोना ने ठप कर दिया है। टूर एंड ट्रेवल्स बिजनेस के लिए जिन व्यापारियों ने लोन पर गाड़ियां खरीदी थीं उनके सामने बैंक की ईएमआई जमा करने का संकट आ गया है। तमाम टूर एंड ट्रेवल्स कारोबारियों ने बैंक से ईएमआई को तीन महीने टालने की गुजारिश की है। माना जा रहा है कि ऐसे देशों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है।