निर्मला सीतारमण का फ्रांस दौरा रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार निर्मला सीतारमण भारतीय सेना को 58,000 करोड़ रुपए के 36 रफाल लड़ाकू जेटों की आपूर्ति से संबंधित प्रगति की समीक्षा करेंगी। वह दस्सू कंपनी की उस सुविधा स्थल पर भी जा सकती है जहां इन जेटों का निर्माण किया जा रहा है। माना जा रहा है कि निर्मला सीतारमण और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पेरली के बीच दोनों देशों द्वारा हथियारों के संयुक्त उत्पादन पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है। बता दें कि अप्रैल में भारतीय वायु सेना ने 114 लड़ाकू विमानों के बेड़े को हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की और दस्सू एविएशन को ३६ लड़ाकू विमानों का ठेका दिया गया ।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में 10 अप्रैल, 2015 को तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रैंकों ओलांद के साथ वार्ता के बाद 36 रफाल जेटोंकी खरीद की घोषणा की थी।
भारत में इस सौदे को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस यात्रा पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि उनकी यह यात्रा लड़ाकू विमान खरीदने के प्रधान मंत्री के फैसले को न्यायसंगत साबित करने की एक कवायद भर है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने रफाल डील निर्णय लेने की प्रक्रिया का ब्यौरा मानेगा है। इसलिए पीएम मोदी के फैसले को न्यायसंगत बनाने के लिए नए तथ्य ईजाद किए जा रहे हैं।