पेरिस में हुई रक्षा वार्ता के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के कई मुद्दे पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत और फ्रांस के बीच हुए तालमेल के सभी व्यापक बिंदुओं की समीक्षा की। उन्होंने पारस्परिक हित के समकालीन क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्षों ने रक्षा से संबंधित मामलों को ठीक ढंग से कार्यान्वित करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने भारत और फ्रांस के बीच युद्धाभ्यासों को नियमित बनाने के बारे में भी चर्चा की। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस भागीदारी और सामान्य सामरिक तथा सुरक्षा हितों को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए दोनों मंत्रियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग का विस्तार करने पर बल दिया। यात्रा के दौरान, सीतारमण ने फ्रांसीसी मिलिटरी कॉलेज इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक रिसर्च में एक बैठक को संबोधित किया। निर्मला सीतारमण ने 12 अक्टूबर को फ्रेंच गणराज्य के प्रधान मंत्री एडौर्ड फिलिप से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को रफाल उत्पादन संयंत्र का दौरा किया। पेरिस के पास अर्जेंटीयूइल में स्थित इस प्लांट के दौरे के समय उनके साथ दस्सू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री ने रफाल के उत्पादन और उसके कल-पुर्जों की डिजाइन को लकेर दस्सू की तकनीकी टीम से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने फ्रांस के रक्षा उद्योग के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की। भारतीय रक्षा मंत्री ने उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में अपने रक्षा निर्माण का विस्तार और विस्तार करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि भारत में रफाल डील को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस समय मोदी सरकार पर खूब हमले कर रही है। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि सीतारमण की फ्रांस यात्रा महज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा रफाल घोटाले को “कवर” करने का प्रयास है। बता दें कि कांग्रेस इस रक्षा लड़ाकू जेट अनुबंध में अनियमितताओं के आरोप लगा रही है।