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Coronavirus के डर से ब्रेस्टफीडिंग कराना न करें बंद, 14 गुना तक बढ़ सकता है बच्चे की मौत का खतरा

locationनई दिल्लीPublished: May 29, 2020 02:22:35 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights
-बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के मन में भी एक डर पैदा किया है
-वह ये कि कहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने से नवजात पर संक्रमण का खतरा न मंडरा रहा हो
-इसी डर से कई देशों में बच्चों को जन्म लेते ही मां से अलग किया जा रहा है, जिससे वह बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवा पा रही है

Coronavirus के डर से ब्रेस्टफीडिंग कराना न करें बंद, 14 गुना तक बढ़ सकता है बच्चे की मौत का खतरा

Coronavirus के डर से ब्रेस्टफीडिंग कराना न करें बंद, 14 गुना तक बढ़ सकता है बच्चे की मौत का खतरा


नई दिल्ली. कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 7,466 नए मामले सामने आए हैं और 175 लोगों की मौत हुई है। इस वायरस का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं में देखा जा रहा है। वैसे तो सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना वायरस का टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के मन में भी एक डर पैदा किया है। वह ये कि कहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने से नवजात पर संक्रमण का खतरा न मंडरा रहा हो। इसी डर से कई देशों में बच्चों को जन्म लेते ही मां से अलग किया जा रहा है। जिससे वह बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवा पा रही है।इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि वायरस के डर से ब्रेस्टफीडिंग रोकने की कोई जरूरत नहीं है। अब तक ब्रेस्ट मिल्क के जरिए वायरस फैलने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यहां तक कि जो माताएं कोविड-19 से संक्रमित हैं, या जिनमें इसके लक्षण हैं, वह भी बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं। यह रिपोर्ट वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (यूनिसेफ) और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने जारी की है।
14 गुना बढ़ रहा मामला

रिपोर्ट के अनुसार, जिन बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराई जाती, उनकी मौत का खतरा ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की तुलना में 14 गुना बढ़ जाता है। ऐसे में वायरस के डर से बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग न कराना उन्हीं के लिए हानिकारक साबित होगा।

ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद ना करें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) और यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (यूनिसेफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी कि है जिसमें बताया है कि ब्रेस्ट मिल्क से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। कोरोना वायरस से संक्रमित मां या जिनमें इसके लक्षण हैं वह भी अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं
लोगों में जागरुकता की कमी

ब्रेस्टफीडिंग को लेकर आज भी लोगों को बहुत कम जानकारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में सिर्फ 41 प्रतिशत बच्चों को ही 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराई जाती है। इस आंकड़े को डब्ल्यूएचओ के सभी सदस्यों ने 2025 तक 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।
मां को रखनी होंगी ये सावधानियां

-बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ साबुन या एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से धोने हैं।
-बच्चे को गोद में लेते हुए उससे संपर्क के समय मास्क लगाकर रखना है।
-खांसी या कफ होने पर अपने साथ टिशू रखना है।
-टिशू का उपयोग करते ही इसे डिस्पोज करके दोबारा हाथ धोने हैं।
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