अस्पताल में उसके खून को तुरंत बदला गया। शरीर में जो खून बचा था उससे टॉक्सिन (जहरीले तत्व) निकाले गए। फिलहाल युवक को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार उसके कई सालों तक एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवा लेनी होगी।
मशरूम उबाले और रस भर लिया
द रअसल डॉक्टरों ने उसे साइकेडेलिक मशरूम खाने की सलाह दी थी। इस मैजिक मशरूम में साइलोसाइबिन नामक तत्व होता है जो दिमाग को शांत रखता है। मरीज ने सोचा कि मशरूम खाने से बेहतर है कि इसे सीधे नसों तक ही पहुंचा दिया जाए। तब उसने मशरूम उबाले और उसके रस का इंजेक्शन भर लिया।
द रअसल डॉक्टरों ने उसे साइकेडेलिक मशरूम खाने की सलाह दी थी। इस मैजिक मशरूम में साइलोसाइबिन नामक तत्व होता है जो दिमाग को शांत रखता है। मरीज ने सोचा कि मशरूम खाने से बेहतर है कि इसे सीधे नसों तक ही पहुंचा दिया जाए। तब उसने मशरूम उबाले और उसके रस का इंजेक्शन भर लिया।
होने लगी खून की उल्टियां
दो दिन बाद बाद व्यक्ति को थकान होने लगी। फिर खून की उल्टी की शिकायत लेकर वह डॉक्टर के पास पहुंचा। जांच करने पर नसों में मशरूम पैदा होने की बात जानकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। उसके लीवर में घाव हो गए और कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया।
दो दिन बाद बाद व्यक्ति को थकान होने लगी। फिर खून की उल्टी की शिकायत लेकर वह डॉक्टर के पास पहुंचा। जांच करने पर नसों में मशरूम पैदा होने की बात जानकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। उसके लीवर में घाव हो गए और कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया।