इसी क्रम में एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुत्तों के पास बिल्लियों से कहीं ज्यादा दिमाग होता है। वहीं इस अध्ययन में यह भी बताया गया कि कुत्तों में 530 मिलियन कॉर्टिकल न्यूरॉन्स होते हैं। जबकि बिल्लियों में यह संख्या लगभग 250 मिलियन होती है।
दरअसल अमेरिका के वेंडरबिल्ट युनिवर्सिटी में सुजाना हरकुलानो मनोविज्ञान और जैविक विज्ञान के एक सहयोगी प्रोफेसर हैं। जिन्होंने इस पर अध्ययन किया। वैसे जानवरों में रूचि रखने वाले डॉक्टर विभिन्न जानवरों में कौन कितना समझदार है। इसके लिए वे दिमागों में न्यूरॉन्स की संख्या में दिमाग के आकार और कॉर्टिकल न्यूरॉन्स जांच करते हैं। उन्होंने इनमें बिल्लियों और कुत्तों के अलावा शेर और भालू सहित कुछ पसंदीदा प्रजातियों की भी जांच की। साथ ही उनके न्यूरॉन्स की संख्या को भी मापा।
वहीं इस अध्ययन में पाया कि बिल्लियों से ज्यादा कुत्ते समझदार होते हैं। वहीं जर्नल फ्रंटियर में प्रकाशित हुए अध्ययन में भी यह पाया गया कि कुत्तों में 530 मिलियन कॉर्टिकल न्यूरॉन्स होते हैं। उसके मुकाबले बिल्लियों में यह संख्या तकरीबन 250 मिलियन होती है। बता दें कि प्रोफेसर सुजाना हरकुलानो के इस अध्ययन के मुताबिक जानवर अपने न्यूरॉन्स की मात्रा के जरिए ही यह जान पाते हैं कि भविष्य में उनके आसपास क्या होने वाला है।
अमेरिका के वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय के सुजाना हरकुलानो ने इस अध्ययन पर कहा कि हमारी शोध में सामने आया है कि कुत्तों में किसी भी काम करने को लेकर ज्यादा जैविक क्षमता होती है। जबकि बिल्लियों में यह ठीक कुत्तों के उलटा होता है।