ये दावा और कहीं से नहीं अमेरिका से आया है यहां के एक वैज्ञानिक एक ऐसे उपकरण पर काम कर रहे हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर जानवरों की भाषा और उनके चेहरे के भाव को आसान अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर देगा। एनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी एरिजोना विश्वविद्यालय के डॉ. कॉन स्लोबोदिकोफ करीब 30 साल से प्रेरी कुत्तों और उनके संवाद के तरीके पर अध्ययन कर रहे हैं और इसको जल्दी ही बना सकें।
यह अध्ययन के अनुसार स्लोबोदिकोफ और उनके सहयोगी ने एक एल्गोरिदम विकसित किया है जो प्रेरी कुत्तों की भाषा को अंग्रेजी में बदल देगा। उन्होंने एक जूलिंगुआ नाम की एक कंपनी बनाई हैं ताकि वे ऐसी तकनीक का विकास कर सकें जिससे इंसान और जानवर बातचीत कर सकें। हालांकि, अब तक स्लोबोदिकोफ की टीम ने ऐसा कोई एल्गोरिदम नहीं बनाया है जिससे कुत्तों के भौंकने और पूंछ हिलाना का मतलब समझा जा सके।
वहीं दूसरी तरफ, एक फ्यूचरोलॉजिस्ट विलियम हाइम ने एक दशक के भीतर ही इस तरह की टेक्नोलॉजी के उपलब्ध होने का दावा किया है। प्रोफेसर स्लोबोस्काइकॉफ का मानना है कि कुत्तों के हर मूवमेंट को कैप्चर करने से उनके वास्तविक व्यवहार का पता लग सकता है और ट्रांसलेशन के जरिए कुत्तों के भावों को आसानी से समझा जा सकता है। कुत्तों की भाषा समझने की तकनीक के बारे में स्लोबोदिकोफ कहते हैं कि इस तरह की तकनीक इंसानों को कुत्तों और उनके व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकती है।