डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हर देश को अपनी सीमा की रक्षा करने का हक है। उन्होंने कहा कि भविष्य वैश्विक होने में नहीं है, भविष्य देशभक्त होने में है। यदि आपको आजादी चाहिए तो अपने देश में गर्व करें, यदि आपक लोकतंत्र चाहिए तो अपने संप्रभुता की रक्षा करें और अपने देश से प्यार करें।
मोदी और ट्रंप के साथ सेल्फी लेने वाला लड़का हुआ मशहूर, मिले 50,000 से ज्यादा लाइक्स
इस बीच ट्रंप ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान की मदद करना चाहता हूं। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि वे मेरी सहायता लेंगे।
हालांकि दोनों ही देश को इसके लिए तैयार होना होगा। किसी एक देश के न चाहने से ऐसा नहीं हो सकता है। दोनों ही देशों के विचार इस मामले (कश्मीर विवाद) पर अलग-अलग है।
ट्रंप ने चीन पर भी साधा निशाना
आपको बता दें कि ट्रंप ने चीन पर भी निशाना साधा। अमरीका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर को लेकर ट्रंप ने कहा कि 2001 में चीन वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में शामिल हुआ था। उस वक्त हमारे नेताओं ने कहा था कि यह फैसला अर्थव्यवस्था को उदार बनाएगी और प्राइवेट निजी संपत्ति पर रूल ऑफ लॉ का दौर आएगा।
राष्ट्रपति ट्रंप से पहले ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन से मिले इमरान खान, कश्मीर मुद्दे पर की बातचीत
उन्होंने कहा कि लेकिन दशकों बाद यह गलत साबित हुआ। क्योंकि चीन ने न केवल इसे अपनाने से इनकार किया बल्कि अर्थव्यवस्था के मॉडल, बाजार की बाधाएं, करेंसी, प्रोडक्ट डंपिंग, फोर्स्ड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और बौद्धिक संपदा को भी प्रभावित किया है।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि चीन जब विश्व व्यापार संगठन का हिस्सा बना तो अमरीका की 60,000 फैक्ट्रियों को नुकसान पहुंचा। ऐसा ही बाकी देशों में भी हुआ। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि WTO में व्यापक बदलाव की जरूरत है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को खुद को डेवेलपिंग कंट्री कहने का अधिकार नहीं है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.