यह केंद्र धरती के 164.7 किलोमीटर के अंदर था और बाद में इसकी तीव्रता 7.1 तक मापी गई थी। सैंडविच आइलैंड ब्रिटेन के आधीन है और यहां कई ज्वालामुखी सक्रिय हैं। वैज्ञानिक इस बात की जानकारी जुटा रहे हैं कि इस भूकंप से कोई ज्वालामुखी तो अधिक सक्रिय नहीं हो गया?
गौर हो, अंटार्कटिका दुनिया का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है। यह पूरा वर्ष बर्फ से ढंका रहता है। इस वजह से इसे ‘ठंडा रेगिस्तान’ के रूप में भी जाना जाता है। यूनाइटेड स्टेट जूलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार- इस भूकंप के बाद कुछ स्थानों पर बर्फ के कुछ पड़ाहों में हलचल देखने को मिली है। इस तेज भूकंप के असर का आकलन किया जा रहा है।
टाइमजोन को परिभाषित करने वाली सभी देशांतर रेखाएं इस महाद्वीप के दोनों ध्रुवों पर मिलती हैं। बता दें, अंटार्कटिका का 99 फीसदी हिस्सा बर्फ से ढंका रहता है। यहां जीवन मुश्किलों से भरा हुआ है। जानकारी के अनुसार- यहां पर एक न्यूक्लियर पावर स्टेशन और एक फायर स्टेशन है। हालांकि यहां पर स्थाई आबादी नहीं है।