scriptधरती बचाने के लिए आठ साल की भारतीय लड़की ने दुनियाभर से की अपील, 21 देशों में दे चुकी हैं भाषण | Eight-year-old Indian girl Lysipria Kanguzum appeals to world to save earth | Patrika News

धरती बचाने के लिए आठ साल की भारतीय लड़की ने दुनियाभर से की अपील, 21 देशों में दे चुकी हैं भाषण

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2019 10:06:21 pm

Submitted by:

Anil Kumar

लिसिप्रिया कंगुजम अब तक 21 देशों में जलवायु परिवर्तन को लेकर भाषण भी दे चुकी हैं
ऐसा बताया जा रहा है कि कंगुजम दुनिया की सबसे कम उम्र की पर्यावरण कार्यकर्ता हैं

kangujam.jpg

मैड्रिड। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन समिट में भाषण देकर पूरी दुनिया में सुर्खियां बटौरने वाली स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग के बाद अब एक भारतीय लड़की ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

दरअसल, आठ साल की भारतीय लड़की लिसिप्रिया कंगुजम ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आवाज बुलंद कर दुनिया को हैरान कर दिया है। सबसे बड़ी बात कि कंगुजम अब तक 21 देशों में जलवायु परिवर्तन को लेकर भाषण भी दे चुकी हैं।

Time Magazine: 16 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग चुनी गईं ‘पर्सन ऑफ द ईयर’

मणिपुर की रहने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता कंगुजम ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में COP25 जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए वैश्विक नेताओं के सामने अपनी चींता जाहिर करते हुए दुनियाभर के नेताओं से अपनी धरती और उन जैसे मासूमों के भविष्य को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की गुहार लगाई।

indian-greta.jpg

21 देशों में दे चुकी हैं भाषण

बीते मंगलवार को कंगुजम ने स्पेन के मैड्रिड में अपने भाषण में कहा कि मैं यहां पर वैश्विक नेताओं से ये कहने आई हूं कि वास्तविक क्लाइमेट इमरजेंसी का समय है और ऐसे में कुछ ठोस कदम उठाना चाहिए। लिसिप्रिया के पिता केके सिंह ने कहा, ‘मेरी बेटी की बातों को सुनकर कोई यह अनुमान नहीं कर पाया कि वह महज आठ साल की है।’

आपको बता दें कि कंगुजम ने अब तक 21 देशों का दौरा कर अपनी चिंता दुनिया का सामने जाहिर कर चुकीं हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि कंगुजम दुनिया की सबसे कम उम्र की पर्यावरण कार्यकर्ता हैं।

‘द चाइल्ड मूवमेंट’ नामक संगठन चलाती हैं कंगुजम

बता दें कि कंगुजम को 2018 में मंगोलिया में आपदा मसले पर हुए मंत्री स्तरीय शिखर सम्मेलन में बोलने का अवसर दिया गया था। उन्होंने बताया है कि, ‘इस सम्मेलन से मेरी जिंदगी बदल गई। मैं आपदाओं के चलते जब बच्चों को अपने माता-पिता से बिछड़ते देखती हूं तो रो पड़ती हूं।’

जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम झेलने वाले देशों में पांचवें स्थान पर भारत, ये देश हैं पहले नंबर पर

मंगोलिया से लौटने के बाद कंगुजम ने अपने पिता की मदद से ‘द चाइल्ड मूवमेंट’ नामक संगठन बनाया। अब वह इस संगठन से लोगों को जुड़ने की अपील करते हुए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया के नेताओं से आग्रह करती हैं।

बीते जून को कंगुजम पीएम मोदी से भी मिलने के लिए संसद भवन के पास पहुंची थी और एक तख्ती लिए हुए नजर आई थी। उन्होंने पीएम मोदी से जलवायु परिवर्तन पर एक कानून बनाने की भी मांग की थी।

लिसिप्रिया कंगुजम का जन्म इंफाल में हुआ, लेकिन जलवायु परिवर्तन के जुनून के कारण उसे अपना स्कूल भी छोडना पड़ा और अब वह ज्यादातर दिल्ली और भुवनेश्वर में रहती हैं।

Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो