इस मां ने अपनी बच्ची के जन्म के दो साल तक यह निर्धारित और सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि उसकी बेटी जो सुनने और देखने में असमर्थ थी, वह एक न एक दिन अपनी आँखों की रौशनी को पाने और सुनने सक्षम होगी। हालांकि शुरुआत के समय ऐसा होना उन्हें असंभव ही लग रहा था।
ब्राज़ील के Santa Catarina में रहने वाली निकोल पेरीरा नाम की यह दो साल की बच्ची जन्म से ही pediatric glaucoma नाम का रेयर डिस्ऑर्डर था। जिसमें वह चीजों को ठीक तरह से नहीं देख पाती थी और न ही सुन पाती थी। कुछ दिनों पहले तक जब मां मां-बाप को बच्ची से कुछ कहना होता तब वो उसे स्पर्श कर अपनी बात उस तक पहुंचाते।
बच्ची की मां डायना का के अनुसार उन्होंने ब्राज़ील के तमाम अस्पतालों के डॉक्टर्स ने उनकी बच्ची के कई ऑपरेशन किये लेकिन हर बार उसकी आँखों की रौशनी और उसकी सुनने की शक्ति को वापस लाने में असफलता हाथ लगी। इसके बावजूद डायना ने हार नहीं मानी और फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर अपनी बच्ची की व्यथा को पोस्ट कर फंड रेजिंग का फैसला किया ताकि वो बच्ची का इलाज़ Bascom Palmer Eye Institute में करा सकें, जहाँ बच्ची के ठीक होने की पूरी उम्मीद थी।
लेकिन ऑपरेशन का खर्च अधिक होने के कारण डायना और उनका परिवार अभी तक बच्ची को वहां लेकर नहीं जा सका था। फेसबुक पर डायना द्वारा उनकी बच्ची की स्टोरी के पोस्ट किये जाने के बाद ackson Health Foundation’s International Kids Fund ने कुछ अन्य डोनर के साथ उनसे संपर्क किया। इस संस्था और अन्यडोनर ने मिल कर बच्ची के इलाज़ के लिए $17,000 यूएस डॉलर का दान दिया। दान में मिले इन्हीं पैसों से इस 2 साल की मासूम बच्ची की लाइफ चेंजिंग सर्जरी संभव हो सकी।
Miami Miller School of Medicine के एमडी डॉक्टर अलाना ग्राजेव्सकी और उनकी टीम ने तीन घंटों तक चले इस ऑपरेशन में सफलता पाई। ऑपरेशन के बाद निकोल नाम की इस बच्ची की आँखों की रोशनी भी वापस आई और अब वो सुन भी सकती है।
बच्ची के ऑपरेशन के बाद मां ने कहा कि मेरे पास अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं, मैं बस भगवान का शुक्रिया करना चाहती हूँ। उसके व्यक्तित्व में अब पहले की तुलना में अधिक चमक और निखार आएगा। वह अब ऐसे लोगों के लिए एक संदर्भ बन गई है जो चमत्कारों में विश्वास नहीं करते थे। अस्पताल के कर्मचारियों और ऑपरेशन में शामिल डॉक्टर्स ने बताया कि जब सफल ऑपरेशन के बाद बच्ची ने पहली बार अपनी मां को देखा तब वो नजारा बेहद भावुक कर देने वाला था। एक तरफ मां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पा रही थी तो दूसरी तरफ बच्ची के लिए यह एक सुखद एहसास था कि सामने खाड़ी महिला ही उसकी मां है, जिसे वो पहली बार देख पा रही है। इस बीच बच्ची की आँखों में सिर्फ आंसू थे।