2005 में की थी शुरुआत
बेबो की शुरूआत 2005 में माइकल बिर्च और उनकी पत्नी एक्सची बिर्च ने बेहद साधारण तरीके से की थी। हालांकि दोनों बीबो से पहले कई प्रौद्योगिकी कंपनियों की सह-स्थापना कर चुके थे। लेकिन बेबो की टीम ने इसे बड़ा बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लॉंचिंग के 3 साल बाद दोनों ने बेबो को एक एओएल को 850 मिलियन डॉलर में बेच दिया। बेबो में बिर्च का शेयर 70 प्रतिशत था, जिससे उससे 595 मिलियन डॉलर का लाभ हुआ। वहीं अधिग्रहण के बाद बेबो ने फेसबुक और ट्विटर जैसी प्रतिद्वंद्वियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच संघर्ष करना शुरू कर दिया। बताया गया कि जब से बेबो के फाउंडर ने उसे बेचा, तब से यह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता और उसकी प्रतिष्ठा लगातार गिरती गई। ही कारण है कि 850 मिलियन डॉलर में बेचे जाने वाली बेबो को बाद में केवल एक मिलियन डॉलर में ही खरीदा गया। हालांकि इसको दोबारा खरीदने के बाद इसके फाउंडर ने इसको एक नया रूप देना शुरू कर दिया।
एक मिलियन डॉलर में वापस खरीदा
एओएल द्वारा बेबों की खरीदारी के पांच साल बाद जुलाई 2013 में बिर्च ने डिजिटल मीडिया के निवेशक कसौटी कैपिटल पार्टनर्स से बेबो को वापस खरीद लिया, जिन्होंने एओएल इसे 10 मिलियन डॉलर से भी कम में खरीदा था। बिर्च ने बेबो को केवल 1 मिलियन डॉलर (760,000 पाउंड) में वापस खरीदा और बेबो को नए रूप में लाने की योजना बनाई। बेबो अब एक अद्भुत स्ट्रीमिंग सॉफ्टवेयर है।