तुर्की के नेता ने असद के साथ किसी भी तरह की सीधी बातचीत से इंकार कर दिया है। एर्दोगन ने विवार को पहली बार दमिश्क के साथ प्रत्यक्ष निम्न-स्तरीय वार्ता की पुष्टि की है। एर्दोगन ने एक साक्षात्कार में राज्य द्वारा संचालित टीआरटी टेलीविजन को बताया कि जासूसी एजेंसियां निचले स्तर पर आपसी संपर्क को बनाए रखे हुए हैं। उन्होंने कहा, “विदेश नीति मुद्दे पर सीरिया के साथ निम्न स्तर पर आयोजित की जा रही है। एर्दोगन ने आगे कहा, ” विदेश नीति के मामले इतने संवेदनशील होते हैं कि अगर कोई आपका दुश्मन भी है, तो आप पूरी तरह से उन मामलों में संबंध नहीं तोड़ेंगे, जिनकी आपको आवश्यकता हो सकती है।” बता दें कि तुर्की में लगभग चार मिलियन सीरियाई शरणार्थी रहते हैं। ये विद्रोही असद को हटाने के लिए विद्रोहियों का समर्थन कर रहे है। अमरीकी वापसी योजना के बारे में पूछे जाने पर एर्दोगन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वाशिंगटन जल्द ही सीरिया से अपने सैनिकों को बाहर निकालेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो तुर्की अमरीका समर्थित सीरियाई कुर्द मिलिशिया द्वारा उत्पन्न संभावित आतंकी खतरे को रोकने के लिए कार्रवाई करेगा।
एर्दोगन की सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दिसंबर में की गई इस आश्चर्यजनक घोषणा का स्वागत किया है कि वह युद्धग्रस्त देश से लगभग 2,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस खींच रहा है। उन्होंने कहा कि अमरीका की इस घोषणा की वजह से तुर्की अब तक रुका हुआ है और वह सीरियाई कुर्द मिलिशिया को बाहर निकालने के लिए सैन्य अभियान शुरू नहीं कर रहा है।तुर्की की सेना ने सीरिया में 2016 में और 2018 में कुर्द लड़ाकों के साथ-साथ इस्लामिक स्टेट समूह के जिहादियों से निपटने के लिए दो बड़े ऑपरेशन शुरू किए हैं।
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