ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन के साथ रिश्ते बहाल करने को राजी नहीं यूरोपीय संघ
-1993 में यूरोपीय संघ का गठन हुआ था। इसमें कुल 28 देश थे। ब्रिटेन के बाहर होने
के बाद 27 देश बचे हैं।
-2016 में पहली बार ब्रिटेन में ब्रेग्जिट पर जनमत संग्रह हुआ। इसमें 52 फीसदी ने ईयू से निकलने पर सहमति जताई।

यूरोपीय संघ (ईयू) ने ब्रेग्जिट के बाद फिर से रिश्ते कायम रखने की ब्रिटेन की मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि पहले वह ब्रेग्जिट डील को लेकर किए वादों को पूरा करे। हाल ही इंग्लैंड के कैबिनेट सदस्य माइकल गोव ने यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष मारोस सेफकोविच को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि यूरोपीय संघ देश के अन्य हिस्सों से उत्तरी आयरलैंड जाने वाली सामग्री की जांच को अभी टाल दे। इस पर यूरोपीय आयोग ने कड़ा रुख दिखाते हुए कहा कि पहले वह डील की शर्तों के मुताबिक काम करे। इससे पहले 29 जनवरी को इंग्लैंड की ओर से उत्तरी आयरलैंड में वैक्सीन आपूर्ति पर अंकुश लगाने की बात पर गतिरोध सामने आया था।
पिछले मंगलवार को सांसदों से बातचीत में गोव ने कहा, ब्रेग्जिट सौदे में तय हुए आयरिश प्रोटोकॉल पर काम नहीं हो रहा है, जिसके मुताबिक दो वर्ष की संक्रमण अवधि में ब्रिटेन के अन्य हिस्सों से उत्तरी आयरलैंड तक खाद्य तथा अन्य सामग्री की जांच नहीं की जाए। उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के रिश्तों को फिर पटरी पर लाने की अपील की है।
क्यों बना प्रोटोकॉल
आयरलैंड प्रोटोकॉल में इस बात पर सहमति बनी कि ब्रेग्जिट के दो वर्ष बाद तक इंग्लैंड से उसके प्रांत उत्तरी आयरलैंड में जाने वाले सामान की आयरलैंड में जांच नहीं की जाए, जो यूरोपीय संघ का हिस्सा है। जबकि उत्तरी आयरलैंड इंग्लैंड का प्रांत है। ये दोनों आयरलैंड द्वीप का हिस्सा हैं और सीमाएं जुड़ी हैं। इंग्लैंड के बाकी हिस्सों के विपरीत उत्तरी आयरलैंड ब्रेग्जिट के बाद भी ईयू के एकल बाजार का हिस्सा बना हुआ है।
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