यूरोप में इस वक्त ठण्ड अपने चरम पर है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा आर्कटिक में लो प्रेशर जोन बनने के कारण हो रहा है। इस वजह से ध्रुवों से ठंडी हवाएं यूरोप की तरफ बह रही हैं। इसे आर्कटिक ब्लास्ट कहा जाता है।
कुछ देशों में तो आर्कटिक से भी ज्यादा ठंड है, जिससे जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
पिछले दो दिनों में 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल किए जाने की खबर है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से ठप है।
उत्तरी नीदरलैंड में तापमान माइनस 43 डिग्री तक पहुंच चुका है, वहीं ब्रिटेन में तापमान माइनस 23 डिग्री दर्ज किया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि ठंड की वजह से अब तक 35 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि यह तापमान पिछले 55 वर्षों में सबसे कम है। इसके चलते स्कूल और कॉलेज भी बंद किए जा चुके हैं। स्कॉटलैंड में लोगों की सुरक्षा को देखते रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया में लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं। जानकारी के अनुसार आने वाले ऑटम में क्वींसलैंड और तस्मानिया में तापमान औसत से ऊपर होने की संभावना है।
इस बार ग्रीष्मकाल में सबसे गर्म मौसम का रिकॉर्ड पार होने की संभावना है।