जेल का नाम सुनते ही आपके ज़हन में सबसे पहले जो तस्वीर उभरती होगी होगी वो यही होगी- एक काल कोठरी की, जहां चारों तरफ अंधेरा है, रोशनदान से झांकती सूरज की किरणें, पानी के लिए एक पुराना सा मटका, गंदा फर्श और मैली सी चादर!
जेल एक ऐसी जगह जहाँ बेबसी और पाबन्दी यहाँ का दस्तूर और कानून है। आज़ादी खुद्दारी और इज्ज़त की परछाई भी यहाँ नज़र नहीं आती। हर चीज़ पर एक ग़म का माहौल छाया रहता है। यहाँ की हर चीज़ पुकार पुकार कर कहती है कि मैं कैदी हूँ। बेबसी घुटन बेचारगी और मजबूरी का एहसास जेल की चाहरदीवारी में कदम रखते ही हो जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जेल के बारे में बताने जा रहे हैं जो इन सब कडवी सच्चाइयों से अलग है और कहा जाता है कि यह जेल किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है।
यह जेल है ऑस्ट्रियां का जस्टिस सेंटर लियोबेन, इसे आप नाममात्र के लिए जेल बोल सकते हैं क्योंकि इस जेल को जेल के नाम से कम बल्कि अपनी भव्यवता और आलीशानता के लिए दुनियाभर में ज्यादा जाना जाता है। जेल के अंदर मिलने वाली सुख-सुविधाएं ऐसी हैं कि जिन्हें जानने के बाद शायद कोई साधारण इंसान का मन भी यहां जाने के लिए मचलित होने लगे।
इस जेल में स्पा और जिम के अलावा रुम शेयरिंग की सुविधा भी मौजूद है। इस जेल में कुल 205 कैदियों के रहने की जगह है और किसी भी कीमत पर यहां इससे ज्यादा लोगों को कैद नहीं किया जा सकता।
यहां कैद किये गये कैदी को एक लिविंग रुम, एक किचन के अलावा पर्सनल बाथरुम तक दिया जाता है। यह लिविंग रूम कोई काल-कोठरी नहीं बल्कि एक बड़ी सी खिड़की और अन्य सुविधाओं सहित एक बड़ा का रूम होता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों है?
जेल के अंदर मिलने वाली सुख-सुविधाएं ऐसी हैं कि जिन्हें जानने के बाद शायद कोई साधारण इंसान का मन भी यहां जाने के लिए मचलित होने लगे।
दरअसल ये जेल उन अपराधियों के लिए बनाई गई है जो छोटे-मोटे अपराधों की सजा काट रहे हैं या अदालती पाबंदियों के कारण जेल से बाहर नहीं रह सकते।