समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, पोम्पियो ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, ‘राउल कास्त्रो एक ऐसे सिस्टम को देखते हैं, जो मनमाने ढंग से क्यूबा के हजारों लोगों को हिरासत में रखती है और वर्तमान में 100 से अधिक राजनीतिक कैदियों को रखती है।’
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जब 88 वर्षीय राउल ने 2018 में राष्ट्रपति पद छोड़ दिया, वह सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख बने हुए हैं। पोम्पियो ने कहा, ‘क्यूबा के सशस्त्र बलों के पहले सेक्रेटरी के रूप में, कास्त्रो हिंसा, धमकी और दमन के माध्यम से वेनेजुएला में पूर्व मादुरो शासन को चलाने के लिए क्यूबा के उठाए गए कदमों के लिए जिम्मेदार हैं।’
क्यूबा पर लगा वेनेजुएला में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप
वाशिंगटन, जो नेशनल असेंबली के स्पीकर जुआन ग्वाइदो को वेनेजुएला के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में मान्यता देता है, का कहना है कि निकोलस मादुरो तानाशाह हैं।
वाशिंगटन के शीर्ष राजनयिक ने कहा, ‘मादुरो के सैन्य और खुफिया अधिकारियों के साथ क्यूबा के सुरक्षा बलों के सदस्य वेनेजुएला में घोर मानवाधिकारों के उल्लंघन और अत्याचार में शामिल हैं।’
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का कहना है कि क्यूबा के सैनिकों और खुफिया संचालक वेनेजुएला में सार्वजिनक रूप से मौजूद हैं, इससे हवाना ने साफ इनकार कर दिया है, जबकि लगभग 500,000 मजबूत वेनेजुएला की सशस्त्र सेना मादुरो सरकार के प्रति वफादार रहती है।
ट्रंप के अमरीका समर्थक लैटिन अमरीकी सरकारों के नेताओं के साथ संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात के बाद पोम्पियो ने कास्त्रों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें कहा गया, ‘मादुरो ने अपने देश को एक विदेशी तानाशाही के लिए बेच दिया है।’
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