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रफाल उड़ाने के लिए पाकिस्तानी पायलटों को नहीं दी गई ट्रेनिंग, फ्रांस ने खबरों को बताया अफवाह

locationनई दिल्लीPublished: Apr 11, 2019 03:52:33 pm

पाकिस्तान मीडिया में किया गया था दावा
पोर्टल एयरलाइन डॉट कॉम ने सबसे पहले पब्लिश की थी स्टोरी
भारत का मुख्य युद्धक विमान है रफाल

Rafale jet

नई दिल्ली। भारत में फ्रांसीसी राजदूत एलेक्जेंडर ज़ेग्लर ने मीडिया की उस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तानी वायु सेना के पायलटों को कतर में रफाल जेट उड़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने इन रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि यह एक फेक न्यूज है। इससे पहले पाक मीडिया में इस खबर आने के बाद चिंता जताई जाने लगी थी कि रफाल उड़ान के लिए प्रशिक्षित पाकिस्तानी पायलट, भारतीय वायु सेना के लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं।

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पाकिस्तानी पायलटों को नहीं दी गई ट्रेनिंग

फ्रांस का यह स्पष्टीकरण एयरलाइन डॉट कॉम मानक एक पोर्टल पर हुए खुलासे के बाद आया है। यह एक स्वतंत्र मीडिया फर्म है जो विमानन क्षेत्र पर ध्यान रखती है। पोर्टल ने दावा किया है कि नवंबर 2017 में कतर में प्रशिक्षित पायलटों के पहले बैच में पाकिस्तानी अधिकारी शामिल थे। जनवरी 2018 में पाकिस्तानी समाचार पोर्टल न्यूज डाट पीके ने कतर के कुछ कमांडरों की पाकिस्तान वायु सेना मुख्यालय की यात्रा की सूचना दी थी। इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान के वायु सेना प्रमुख ने कथित तौर पर अपने समकक्ष को विमानन और सैन्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में समर्थन और सहयोग की पेशकश की थी। अब एयरलाइन डॉट कॉम की इस स्टोरी कहानी का हवाला देते हुए राजदूत अलेक्जेंड्रे ज़िगलर ने कहा, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि यह नकली समाचार है।”

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कतर में ट्रेनिंग का दावा झूठा

कतर ने इस साल 6 फरवरी को दस्सू की मेरिग्नैक सुविधा में अपने पहले रफाल की डिलीवरी ली। एक बयान में दस्सू ने कहा कि कतर ने मई 2015 में 24 रफाल फाइटर्स की डील पर हस्ताक्षर किए थे। दिसंबर 2017 में उसने 12 अतिरिक्त लड़ाकू विमानों का आदेश दिया था। बता दें कि पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों को मध्य पूर्वी देशों के सशस्त्र बलों के साथ काम करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। इसी क्रम में कुछ पाकिस्तानी पायलट कतर गए थे। जहां उन्हें कथित रूप से रफाल की ट्रेनिंग दी गई। पाक मीडिया ने इस खबर को खूब भुनाया और इसका जमकर प्रचार किया।

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