निकोलस सरकोजी पर 2012 में पद छोड़ने के बाद से भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसके बाद पेरिस की अदालत के एक वरिष्ठ मजिस्ट्रेट ने सुनवाई करते हुए 2014 में 66 वर्षीय सरकोजी निकलस को अवैध तरीके से सूचनाएं हासिल करने का दोषी ठहराया।
तानाशाह गद्दाफी से अवैध धन लेने के आरोप में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस गिरफ्तार
अदालत ने कहा है कि सरकोजी (Nicolas Sarkozy) घर पर हिरासत में रहने का अनुरोध कर सकेंगे लेकिन इस दौरान उनको इलेक्ट्रॉनिक पट्टी पहननी होगी। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकोजी साल 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अवैध धन के इस्तेमाल के आरोप में इस महीने एक और मुकदमे का सामना करेंगे। इस मामले में 13 अन्य लोगों भी आरोपी बनाए गए हैं।
निकोलस सरकोजी पर लीबिया से धन लेने का आरोप
गौरतलब है कि, फ्रांस की पुलिस ने चुनावी फंडिंग के मामले में पूछताछ के लिए निकोलस को पहले भी हिरासत में ले चुकी है। निकोलस सरकोजी पर 2007 के चुनाव के दौरान प्रचार के लिए लीबिया से धन लेने का आरोप है। सरकोजी पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए लीबिया के तानाशाह शासक मुहम्मद गद्दाफी से अवैध तरीके से रकम ली थी। 2012 के चुनाव के बाद से 2013 में सरकोजी के खिलाफ चुनावी फंडिंग मामले में न्यायिक जांच शुरू की गई थी।
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बता दें कि निकोलस सरकोजी 2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे हैं। उन्होंने अपने उपर लगे सभी आरोपों से हमेशा इनकार किया है। सरकोजी पर अवैध धन लेने के साथ ही कई दूसरे आरोप हैं, जिनमें से फोन टैपिंग का मामला भी शामिल है। इसके अलावा सरकोजी और उनके वकील पर साल 2007 में मोनाको में सबसे धनी महिला लॉरियल हाइरेस से भी रकम लेने के आरोप हैं। पिछले ही साल सरकोजी के खिलाफ फोन टैपिंग घोटाले से संबंधित मुकदमे की सुनवाई अदालत में शुरू हुई है।