फ्रांस: धार्मिक कट्टरता खत्म करने वाला वो कानून, जिसे लोग बता रहे हैं ‘क्रांति’
- कट्टरता को खत्म करने के लिए फ्रांस सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक नया कानून बनाया है
- इसका नाम ‘सपोर्टिंग रिस्पेक्ट ऑर द प्रिंसिपल्स ऑफ द रिपब्लिक’ है
- कई लोग इस कानून को एक क्रांति बता रहे हैं
- लेकिन कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं

नई दिल्ली। इस्लामिक कट्टरता फ्रांस में बड़ा मुद्दा है। कट्टरता को खत्म करने के लिए फ्रांस सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। अब इस दिशा में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने एक नया कानून, जिसका नाम ‘सपोर्टिंग रिस्पेक्ट ऑर द प्रिंसिपल्स ऑफ द रिपब्लिक’ बनाया है। कई लोग इस कानून को एक क्रांति बता रहे हैं लेकिन कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक ‘सपोर्टिंग रिस्पेक्ट ऑर द प्रिंसिपल्स ऑफ द रिपब्लिक’ (Supporting Respect For The Principles Of The Republic) कानून फ्रांस के नेशनल असेंबली में पास हो गया है और सीनेट में पास होना बाकी है।ये कानून फ्रांस के सीनेट यानी उच्च सदन में भी जल्द ही पास हो सकता है।
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वैसे इस कानून में किसी भी धर्म का जिक्र नहीं है।लेकिन नए कानून के इंट्रोडक्टरी टेक्स्ट यानी कानून किस बारे में है, उसमें इस्लाम के खतरे का जिक्र किया गया है । ऐसे में फ्रांस के मुस्लिमों का ऐसा मानना है कि इसका प्रभाव उनकी आजादी पर पड़ेगा।
इस कानून के मुताबिक जो पुरुष डॉक्टर से महिला या बच्चे की जांच कराने पर आपत्ति जताता है उसपर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। ये जुर्माना उसपर भी लगेगा जो क से अधिक शादी करता है या किसी लड़की पर शादी का दबाव डालता है।इसके साथ ही इस कानून के मुताबिक, धार्मिक संस्थानों में भड़काऊ भाषण नहीं दिए जा सकेंगे, जिनसे दो समूदायों के बीच टकराव होने की आशंका हो।
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बता दें फ्रांस में मुस्लिम आबादी कुल 6.71 करोड़ आबादी का पांच फीसदी है।यहां कि अधिकतर आबादी ईसाई धर्म (Christianity) का पालन करती है। फ्रांस में अगले साल चुनाव होने वाले हैं ऐसे में सरकार हर हाल में ईसाई लोगों को अपने साथ रखना चाहती हैंष क्योंकि इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा धार्मिक कट्टरता और शरणार्थियों का है।
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