scriptहिन्द महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है फ्रांस, अगले साल भेजेगा विमान वाहक युद्धपोत | France to send charles de gaulle aircraft carrier in Indian ocean | Patrika News

हिन्द महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है फ्रांस, अगले साल भेजेगा विमान वाहक युद्धपोत

locationनई दिल्लीPublished: Oct 21, 2018 03:13:19 pm

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा है कि बीजिंग की बढ़ती ताकत इस क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है।

charles de gaulle

हिन्द महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है फ्रांस, अगले साल भेजेगा विमान वाहक युद्धपोत

पेरिस। फ्रांस अगले साल हिंद महासागर में विमान वाहक युद्धपोत भेजने की योजना पर विचार कर रहा है। फ्रांस ने शुक्रवार को कहा कि वह हिन्द महासागर में समय के साथ बढ़ रही चीनी दृढ़ता से निपटने के लिए अगले वर्ष हिंद महासागर में अपने विमान वाहक युद्धपोत को भेज देगा। रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि फिलहाल दक्षिणी फ्रांसीसी बंदरगाह में नवीकरण के दौर से गुजर रहे युद्धपोत चार्ल्स-द-गाल अगले साल की शुरुआत में हिंद महासागर में उतरने के लिए तैयार हो जाएगा।

नाइजीरिया: बाजार में ठेले को लेकर विवाद के बाद दो समुदायों में भड़की हिंसा, अब तक 55 लोगों की मौत

हिन्द महासागर में उतरेगा चार्ल्स-द-गाल

अमरीकी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने फ्रांसीसी अखबार ला प्रोवेंस से बातचीत करते हुए बताया कि फ्रांस हमेशा अंतरराष्ट्रीय जल में नेविगेशन की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए दुनिया भर में अग्रणी पंक्ति में खड़ा रहा है। उन्होंने कहा, “जब भी अंतरराष्ट्रीय कानून के इस मौलिक प्रिंसिपल का उल्लंघन होता है, जैसा वर्तमान में दक्षिणी चीन में हो रहा है, तो हम इस तरह के मामलों में बिलकुल हस्तक्षेप करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आवगमन की स्वतंत्रता दुनिया के सभी देशों के लिए बिना किसी बाधा के मिलती रहे।

रूस के साथ हथियार नियंत्रण संधि से बाहर निकलेगा अमरीका, ट्रंप ने लगाई मुहर

दक्षिणी चीन सागर है निशाने पर

बता दें कि मई में फ्रांसीसी हेलीकॉप्टर-वाहक पॉट डिक्समुड ने दक्षिण चीन सागर का एक चक्कर लगाया। एक फ्रेंच एयर स्क्वाड्रन नए अगस्त में इस क्षेत्र में उड़ान लगाई। इससे पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रोन ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर बोलते हुए कहा था कि किसी भी देश को इस क्षेत्र पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और भारत के ऊपर इस क्षेत्र की रक्षा ज़िम्मेदारी हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि बीजिंग की बढ़ती ताकत इस क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है। प्रशांत महासागर में फ्रांस के कई द्वीप क्षेत्र हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो